नई दिल्ली । भारत और जापान की नौसेनाएं 26 से 28 सितम्बर तक उत्तरी अरब सागर में अभ्यास (जिमेक्स) करेंगीं। भारतीय और जापानी नौसेना हर दो साल में एक बार अपनी समुद्री ताकत परखने के लिए इस तरह का अभ्यास करती हैं। समुद्री सुरक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान देने के लिए इस तरह के अभ्यास की शुरुआत जनवरी 2012 में की गई थी। इससे पहले अक्टूबर 2018 में भारत के विशाखापत्तनम में जिमेक्स आयोजित किया गया था। यह संयुक्त अभ्यास दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग और आपसी विश्वास को और बढ़ाएगा और दोनों देशों के बीच लंबे समय तक दोस्ती के बंधन को मजबूत करेगा।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि भारत और जापान के बीच नौसेना सहयोग पिछले कुछ वर्षों में दायरे और जटिलता में बढ़ा है। जिमेक्स-20 के दौरान भारत-जापानी रक्षा संबंधों में निरंतर उभार के संकेत हैं। दोनों सरकारों ने अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार अधिक सुरक्षित, खुले और समावेशी वैश्विक कॉमन्स के लिए लगातार काम करने के प्रयास जारी रखे हैं। इस अभ्यास के दौरान दोनों नौसेनाओं द्वारा समुद्री संचालन के क्षेत्र में उच्च-संचालन और संयुक्त परिचालन कौशल का प्रदर्शन किया जायेगा। यह बहुपक्षीय सामरिक अभ्यास हथियारों की गोलीबारी, क्रॉस डेक हेलीकाप्टर संचालन और जटिल सतह, पनडुब्बी रोधी और वायु युद्ध में दोनों नौसेनाओं के विकसित समन्वय को मजबूत करेगा।
उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास को कोविड-19 प्रतिबंधों के मद्देनजर ’केवल समुद्र के प्रारूप में’ संचालित किया जा रहा है। इस अभ्यास के दौरान स्वदेश निर्मित विध्वंसक चेन्नई, तेग क्लास के स्टील्थ फ्रिगेट तर्कश और फ्लीट टैंकर दीपक के साथ फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट रियर एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसी तरह जापानी मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स का प्रतिनिधित्व शिप्स कागा, एक इज़ुमो क्लास हेलिकॉप्टर डिस्ट्रॉयर और एक गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, इज़ामुची द्वारा किया जाएगा, जिसका नेतृत्व रियर एडमिरल कोनो यासागे करेंगे। इन जहाजों के अलावा, पी-8 आई लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट, कई हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान भी अभ्यास में भाग लेंगे।(हि.स.)
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