डेस्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शुक्रवार को कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक बिजनेस फोरम (Indo- Pacific Business Forum) के चौथे संस्करण की सह-मेजबानी करके प्रसन्न है. भारत इंडो-पैसिफिक को एक स्वतंत्र, खुले समावेशी क्षेत्र के रूप में देखता है जो प्रगति और समृद्धि की एक साझा खोज में सभी को शामिल करता है. साथ ही कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक के अवसरों और चुनौतियों को बहुत गंभीरता से लेता है.
India is pleased to co-host 4th edition of Indo- Pacific Business Forum. India sees Indo- Pacific as a free, open inclusive region that embraces all in a common pursuit of progress & prosperity…India takes the opportunity & challenges of Indo-Pacific very seriously..: EAM (1/2) pic.twitter.com/t4l9s5cr7v
— ANI (@ANI) October 29, 2021
विदेश मंत्री ने कहा कि आप देख सकते हैं कि इंडो-पैसिफिक महासागर की पहल में या क्वाड प्रारूप के माध्यम से किए गए वैक्सीन सहयोग में, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन या आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसे वैश्विक प्रयासों की भी इस क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष प्रासंगिकता है. हमारे सामूहिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण महत्व के 3 क्षेत्र हैं. स्वास्थ्य, जलवायु और डिजिटल. प्रत्येक न केवल हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए बल्कि उभरती दुनिया में वैश्विक प्रतिस्पर्धा और नेतृत्व का निर्माण करने के लिए भी हमारी साझेदारी के लिए एक आशाजनक अवसर है.
‘फ्रांस को प्रमुख भागीदार के रूप में देखता है भारत’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारी रणनीतिक साझेदारी 21वीं सदी में बहुपक्षवाद को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भविष्य के लिए और भी अधिक प्रासंगिक है. भारत फ्रांस को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी शांति और स्थिरता के लिए अपरिहार्य शक्ति और क्षेत्र में भारत के लिए प्रमुख भागीदार के रूप में देखता है.
Our strategic partnership is more relevant in 21st century both to strengthen multilateralism & even more for future of Indo-Pacific region. India sees France as imp power in Indo-pacific region indispensable to its peace & stability & premier partner for India in region: EAM pic.twitter.com/oDliGXkQ2i
— ANI (@ANI) October 29, 2021
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के 9.5 फीसदी की दर से बढ़ने और कम से कम 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने की उम्मीद है. विकास व्यापक रूप से सभी क्षेत्रों को छू रहा है. पिछले साल हमारा एफडीआई 13 फीसदी बढ़ा जब वैश्विक प्रवाह में 42 फीसदी की गिरावट आई और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश ने घरेलू निवेश में वृद्धि के साथ गति को बनाए रखा.
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