नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री 1 फरवरी 2022 को देश का आम बजट पेश करेंगी। ये उनका पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के नाते चौथा बजट होगा। हम आपको लगातार बजट इतिहास से जुड़े रोचक पहलुओं से रूबरू करा रहे हैं। इस कड़ी में आज हम आपको बता रहे हैं देश के ब्लैक बजट के बारे में। इसके साथ ही देश के इतिहास का एक बजट ऐसा भी रहा है जिसमें प्रधानमंत्री ने बजट भाषण के दौरान माफी भी मांगी। आइए जानते हैं भारतीय बजट इतिहास से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
इंदिरा गांधी ने मांगी थी माफी
28 फरवरी 1970 के दिन पूर्व प्रधानमंत्री ने पीएम पद के साथ वित्त मंत्री होने के नाते देश का आम बजट पेश किया था। इंदिरा गांधी के मिजाज, खासतौर पर उनके सख्त लहजे से सभी वाकिफ थे। अपने बजट भाषण में ताकतवर इंदिरा ने जब कहा, मुझे माफ कीजिएगा तो यह सुनकर लोकसभा के अधिकांश सदस्य भी हैरान रह गए। वे सोचने लगे कि अब ऐसा क्या आने वाला है, जिससे पहले इंदिरा गांधी ने माफी देने की बात कह दी। लेकिन जब इंदिरा गांधी ने अगला वाक्य बोला तो सभी का शक दूर गया। उन्हें अपने सवाल का जवाब मिल गया।
राजस्व बढ़ाने को लिया कड़ा फैसला
दरअसल, इंदिरा को राजस्व बढ़ाना था, इसलिए उन्होंने अपने बजट में सिगरेट पर लगी ड्यूटी को 3 से बढ़ाकर 22 फीसदी कर दिया। ड्यूटी बढ़ाने से पहले उन्होंने कहा, मुझे माफ कीजिएगा, लेकिन इस बार मैं सिगरेट पीने वालों की जेब पर भार डालने वाली हूं। सिगरेट पर ड्यूटी बढ़ाने के बाद इंदिरा ने कहा था कि इससे सरकार के राजस्व में 13.50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त इजाफा हो जाएगा। इससे सिगरेट पीने वालों को जोरदार झटका लगा था। इसके साथ ही उन्होंने आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दी थी। इस पर उन्होंने कहा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाकर 40 हजार रुपए किया जा रहा है।
भारत में पेश हो चुका है काला बजट
वित्त वर्ष 1973-74 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चव्हाण द्वारा पेश किए गए बजट को भारतीय इतिहास का काला बजट की संज्ञा दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस बजट में 550 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा था। इसके साथ ही एक और रोचक तथ्य आपको बता दें कि साल 1955 तक सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही बजट पेश होता था। लेकिन वित्त वर्ष 1955-56 से बजट पहली बार अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषा में छापा गया था।
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