नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया मिशन को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ रेलगाड़ियों के निर्माण के लिए 2,211 करोड़ रुपये का ठेका हैदराबाद की मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी को वंदे भारत ट्रेन के 44 सेट (16 डिब्बे हर सेट में) बनाने के ऑर्डर दिए हैं। कंपनी इनका निर्माण और आपूर्ति करेगी। इस प्रक्रिया के तहत टेंडर पाने वाली कंपनी के साथ पांच साल तक सालाना रखरखाव (मेंटनेंस) का भी अनुबंध शामिल है। रेलवे 21 जनवरी को टेंडर को अंतिम रूप दे दिया। इसके तहत ट्रेन की डिजाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति, एकीकरण, परीक्षण और आईजीबीटी आधारित 3-चरण प्रणोदन, नियंत्रण और निर्माण किया जाएगा।
स्वदेशी रूप से ट्रेन सेट के निर्माण के लिए विभिन्न स्तरों पर उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के बाद विभिन्न शर्तें तैयार की गईं। पहली बार टेंडर में कुल मूल्य के 75 फीसदी के बराबर जरूरत स्थानीय स्तर से पूरी की जाएंगी। इस पहल से “आत्मनिर्भर भारत” मिशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इस टेंडर में, 3 कंपनियों ने निविदाएं डाली थीं। उसमें से सबसे कम बोली स्वदेशी कंपनी मेसर्स मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड की थी, जिसने कुल मूल्य के 75 फीसदी के बराबर राशि के लिए स्थानीय सामग्री की आपूर्ति की शर्त को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस आधार पर मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड को टेंडर दिया गया।
टेंडर की कुल लागत 2 हजार 211 करोड़, 64 लाख, 59 हजार और 644 रुपये है। इसके तहत 44 कारों का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक कार में 16 रैक होंगे। इनका निर्माण भारतीय रेलवे की तीन उत्पादन इकाइयों में किया जाएगा। इसके तहत आईसीएफ में 24 रैक, आरसीएफ में 10 रैक और एमसीएफ में 10 रैक बनाए जाएंगे।
पहले 2 प्रोटोटाइप रैक 20 महीने में वितरित किए जाएंगे। उसके बाद उनके सफल कमीशन होने पर प्रत्येक तिमाही में औसतन 6 रैक वितरित करना होगा।
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