नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कुनो राष्ट्रीय उद्यान में (In Kuno National Park) 12 नए चीतों के आगमन का स्वागत करते हुए (Welcoming Arrival of 12 New Cheetas) रविवार को कहा कि (Said that) इस विकास से (From this Development) भारत की वन्यजीव विविधता (India’s Wildlife Diversity) को बढ़ावा मिलता है (Gets A Boost) ।
इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी साझा करते हुए कहा था कि पीम मोदी के नेतृत्व में शुरू किया गया ‘प्रोजेक्ट चीता’ कूनो नेशनल पार्क में एक और मील के पत्थर पर पहुंच गया। 18 फरवरी को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 12 चीतों को छोड़ा गया।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका से यह 12 चीते भारत लाए गए हैं। अफ्रीका से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया है। दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को ग्वालियर और उसके बाद हेलीकाप्टरों के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करने का काम भारतीय वायु सेना ने किया। अंतर महाद्वीपीय स्थानांतरण अभ्यास के दौरान चीता विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल चीतों के साथ था।
इससे पहले 17 सितंबर, 2022 को आठ चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया था। इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वारंटाइन बोमास में छोड़ा था। अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि के बाद इन चीतों को चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया। सभी आठ अलग-अलग चीते प्राकृतिक व्यवहार, शरीर की स्थिति, गतिविधि पैटर्न और समग्र फिटनेस के मामले में अच्छी स्थिति में हैं और जंगली जंतुओं का शिकार कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के मुताबिक भारत में चीता पुनर्वास कार्य योजना के अनुसार कम से कम अगले 5 वर्षों के लिए अफ्रीकी देशों से हर साल 10-12 चीतों का स्थानांतरण करने की जरूरत है। इस संबंध में चीता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार दक्षिण अफ्रीका के साथ साल 2021 से द्विपक्षीय वार्ता कर रही थी। यह वार्ता जनवरी, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
अफ्रीका से आए इन 12 चीतों को अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि को पूरा करने के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विशेष रूप से बनाए गए बाड़ों में रखा गया है। चीता पुनर्वास पर भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 20 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, पशु चिकित्सकों और वन अधिकारियों के साथ एक परामर्शी कार्यशाला की योजना बनाई गई है। इस कार्यशाला के परिणाम बेहतर चीता प्रबंधन का रास्ता दिखाएंगे और भारत में चीता की मेटापॉपुलेशन को सफलतापूर्वक स्थापित करने में सहायता करेंगे।
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