नई दिल्ली: भारत की सबसे चौड़ी और हाईटेक टनल (India’s widest and hi-tech tunnel) लगभग बनकर तैयार है. दिल्ली में इस टनल के शुरू होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम (Delhi-Gurugram) के बीच ट्रैफिक जाम की समस्या लगभग दूर हो जाएगी. यह टनल पानीपत से दिल्ली के सफर को बेहद आसान बना देगी. द्वारका एक्सप्रेस-वे (Dwarka Expressway) पर सबसे ज्यादा चर्चा 4 किलोमीटर की इसी टनल की है. इसकी फिनिशिंग का काम (finishing work) चल रहा है.
द्वारका एक्सप्रेस-वे की ये टनल 8 लेन की है, जिसमें से एयरपोर्ट, गुरुग्राम, वसंत कुंज, द्वारका और अलीपुर की तरफ आना-जाना आसान हो जाएगा. इस टनल को आधुनिक तरीके से डिजाइन किया गया है. हाईटेक सुविधाओं से लैस इस टनल में सीसीटीवी कैमरे, उनकी मॉनिटरिंग के लिए अलग से एक वॉर रूम भी तैयार हो रहा है. द्वारका एक्सप्रेस-वे भी लगभग बनकर तैयार हो चुका है. इसकी फिनिशिंग का काम चल रहा है. माना जा रहा है कि अगले साल के शुरू में 28 किलोमीटर का द्वारका एक्सप्रेस-वे शुरू हो जाएगा और पीएम मोदी इस हाईटेक एक्सप्रेस-वे का उद्धघाटन कर सकते हैं.
इसके पूरा हो जाने के बाद पानीपत, सोनीपत या फिर सिंधु बॉर्डर से आने वाले लोग सीधे सिंधु बॉर्डर के नजदीक राइट लेकर इस एक्सप्रेस-वे पर चढ़ सकेंगे और फिर 20 मिनट में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुच सकेंगे. 28 किलोमीटर का ये एक्सप्रेस-वे दिल्ली के सिंधु बॉर्डर से अलीपुर के पास शुरू होता है और गुरुग्राम के हाइवे को जोड़ता है. इस प्रोजेक्ट से रिंग रोड पर लगभग 40 से 50 फ़ीसदी ट्रैफिक कम हो जाएगा और गुरुग्राम आने जाने वाले लोगों को घंटों जाम में नहीं फंसना पड़ेगा.
द्वारका एक्सप्रेस-वे से कई खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे, जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर यशोभूमि भी शामिल है. यशोभूमि का पीएम मोदी ने हाल में उद्घाटन भी किया था. खास बात ये है कि इस प्रोजेक्ट में एफिल टावर से 30 गुना ज्यादा स्टील और बुर्ज खलीफा से 6 गुना ज्यादा सीमेंट लगाई गई है. अब देखते हैं कि कैसे ये एक्सप्रेस-वे ट्रैफिक की समस्या को दूर करने जा रहा है.
एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के बाद द्वारका से मानेसर के बीच की यात्रा 15 मिनट में पूरी होगी. मानेसर और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच की दूरी 20 मिनट में तय की जा सकेगी. इसके अलावा मानेसर और सिंधु बॉर्डर के बीच सिर्फ 45 मिनट का समय लगेगा. खास बात ये है कि इस प्रोजेक्ट में पर्यावरण का खास ख्याल रखा गया है. जिसमें 1200 पेड़ों को काटा नहीं गया बल्कि शिफ्ट किया गया है. केंद्र सरकार के कई मेगा प्रोजेक्ट देश के अलग अलग हिस्सों में चल रहे हैं. ऐसे में दिल्ली में जाम को कम करने की लगातार कवायद हो रही है.
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