इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम में आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) में 26 लोगों की मौत के बाद भारत के ऐक्शन से पड़ोसी देश पाकिस्तान (Neighbouring country Pakistan) में खलबली मची हुई है। भारत ने पांच सख्त ऐक्शन लेते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है। बाघा-अटारी बॉर्डर को बंद (Wagah-Attari border closed) कर दिया है। 48 घंटे के अंदर पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश दिया है। किसी भी पाकिस्तानी को भारतीय वीजा नहीं देने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने भारत में स्थित पाकिस्तानी दूतावास को भी बंद करने का आदेश दिया है। इन फैसलों के बाद अब हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान के बुद्धिजीवी अपनी ही सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ने लगे हैं।
इस्लामाबाद स्थित अकादमिक और रणनीतिक विश्लेषक कमर चीमा ने अपने हालिया पॉडकास्ट में कहा है कि पहलगाम हमले ने जहां भारत को कश्मीर से कन्याकुमारी तक एकजुट कर दिया है, वहीं पाकिस्तान के लोग आपस में बंट गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार अब पाक की तरफ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा रही है जो पाकिस्तान के लिए चिंता की बात है।
पूरी दुनिया भारत के पक्ष में खड़ी हो गई
चीमा ने कहा कि उनका देश पाकिस्तान पिछले कई सालों से कश्मीर-कश्मीर की रट लगाता रहा है लेकिन भारत ने कई क्षेत्रों मे उल्लेखनीय प्रगति की है। इस वजह से पूरी दुनिया उसकी मुरीद हो गई है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को भारत के पक्ष में ला खड़ा किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी इस घटना पर अफसोस जताया है लेकिन जिस तरह से इस्लामिक और अरब देशों से लेकर पश्चिमी देशों ने भारत के साथ हमदर्दी दिखाई है और इस हमले के बाद एकजुटता दिखाई है, वह पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा है।
पाकिस्तान की किस्मत भी भारत तय करेगा?
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार हुआ है। इससे संभव है कि लद्दाख में और अन्य जगहों पर चीन सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती अब पाकिस्तान की सीमा पर हो सकती है, जो आगे आने वाले दिनों में पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी होगा। कमर चीमा ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यह फैसला किया है कि दक्षिण एशिया में किस देश के साथ क्या करना है, इसका फैसला करने का जिम्मा भारत को दे दिया है क्योंकि हाल के कुछ वर्षों हिन्दुस्तान में सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है।
पाकिस्तान भुखमरी और खस्ताहाली से जूझता रहे
चीमा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी ने भारत को यह फैसला करने का जिम्मा दे दिया है कि दक्षिण एशिया के मुल्कों यानी पाकिस्तान की किस्मत क्या तय करनी है या बांग्लादेश पर क्या रुख लेना है? उन्होंने कहा कि भारत ही मालदीव, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार जैसे छोटे और पड़ोसी देशों की किस्मत का फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस पर ऐतराज है लेकिन वह यह भूल रहा है कि वह भुखमरी के संकट से जूझ रहा है। आर्थिक बदहाली से ग्रस्त है लेकिन भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिसका अमेरिका, रूस, चीन और अन्य पश्चिमी देश भी मुरीद हैं। फिर पाकिस्तान को कोई क्यों भाव देगा?
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