नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने अडानी ग्रुप-हिंडनबर्ग मामले में (In Adani Group-Hindenburg Case) सुप्रीम कोर्ट की चिंता पर (On the Concern of the Supreme Court) कहा कि भारत के नियामक (India’s Regulators) बहुत अनुभवी हैं (Are Very Experienced), वे हमेशा से तैयार हैं (They are always Ready), इसलिए मैं इसे उन पर छोड़ देती हूं (So I Leave it to Them) ।
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद देश में हंगामा मच गया है। अडानी ग्रुप के शेयर मंदी के संकट से गुजर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारत के रेग्यूलेटरों को अडानी समूह से संबंधित मामले की जानकारी है और हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद उत्पन्न स्थिति को संभालने में सक्षम हैं। मुंबई में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह इस बार भी रेग्यूलेटर स्थिति को संभाल लेंगे। गौतम अडानी की कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सेबी ने जांच शुरू कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी सेबी से अपना पक्ष रखने को कहा है। सेबी की जांच अदानी एंटरप्राइजेज के रद्द किए जा चुके एफपीओ के दो एंकर इनवेस्टर्स से जुड़ी है।
भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीतारमण ने कहा, “भारत के नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने डोमेन के विशेषज्ञ हैं।” हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अदानी समूह के शेयरों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ा है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लेखांकन धोखाधड़ी, स्टॉक में हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद से कंपनियों के स्टॉक की कीमतें तेजी से गिरने लगीं।
वित्त मंत्री ने शनिवार को आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल को वर्ष 2023-24 के लिए हाल ही में जारी केंद्रीय बजट की जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीतारमण ने कहा कि नई कर व्यवस्था, बजट के केंद्र बिंदुओं में से एक है। सीबीडीटी के मुताबिक, 10 फरवरी, 2023 तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में लगातार वृद्धि दर्ज हो रही है। ग्रोस कलेक्शन में 15.67 लाख करोड़ रुपये है। इसमें पिछले साल की तुलना में 24.09% वद्धि हुई है। वहीं, पिछले साल की तुलना में 18.4% वृद्धि के साथ डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12.98 लाख करोड़ है।
डिजिटल संपत्ति में वृद्धि के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि भारत एक सामान्य ढांचे के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए जी20 देशों के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, “क्रिप्टो में बहुत सारी तकनीक शामिल हैं, इसमें 99 प्रतिशत तकनीक हैं। हम सभी देशों से बात कर रहे हैं कि अगर सभी देश एक मानक संचालन प्रक्रिया हासिल कर सकते हैं… जो एक नियामक ढांचे का पालन करते हुए प्रभावी होगी।”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में तकनीक का ज्यादा रोल है इसलिए हम सभी देशों से बात कर रहे हैं कि अगर क्रिप्टो को लेकर नियम लाना है तो क्या कोई मानक संचालन प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं क्योंकि क्रिप्टो पर एक अकेला देश कुछ नहीं कर सकता।G20 देशों के साथ चर्चा जारी है ।
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