नई दिल्ली। वित्त वर्ष (financial year) 2021 को एक असाधारण वर्ष बताते हुए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले वित्त वर्ष (financial year) में सरकारी खर्च में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वित्त वर्ष 2021 में, भारत (India) की वास्तविक जीडीपी (GDP) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जो पिछले सात दशकों में सबसे खराब गिरावट है।
हमारी गणना बताती है कि वित्त वर्ष 2021 में निजी क्षेत्र द्वारा वास्तविक खर्च में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि सरकारी खर्च में वास्तविक रूप से 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
नतीजतन, जबकि निजी क्षेत्र ने वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि से 8.7 प्रतिशत अंक की कटौती की, सरकार ने वित्त वर्ष 2021 में 0.3 पीपी जोड़ा।
इसमें से, वास्तविक सरकारी निवेश में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट आई, जबकि वास्तविक खपत वित्त वर्ष 2021 में 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसके अलावा, यह उद्धृत किया गया कि वित्त वर्ष 2021 में संयुक्त राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 13.3 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर था।
केंद्र और राज्यों के संयुक्त राजकोषीय घाटे की हमारी गणना से संकेत मिलता है कि यह वित्त वर्ष 2021 में सकल घरेलू उत्पाद का 13.3 प्रतिशत हो गया है।
यह पिछले तीन दशकों में देखा गया सबसे अधिक राजकोषीय घाटा है।
विशेष रूप से, पिछले चार वर्षों में राज्यों की खर्च वृद्धि 6 प्रतिशत से तीन गुना कम रही है।
इसके अलावा, इसने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में राज्यों का राजकोषीय घाटा 17 साल के उच्च स्तर पर है।
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