नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा, “भारत की जी20 की अध्यक्षता (India’s Presidency of G20) देश के अंदर और बाहर (Inside and Outside the Country) समावेशन का प्रतीक बन गई है (Has become A Symbol of Inclusion) ।” मोदी ने शनिवार को दिल्ली में हाई-प्रोफाइल जी20 शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद ‘वैश्विक विश्वास की कमी’ के माहौल को विश्वास के रिश्ते में बदलने का आह्वान किया।
जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की शुरुआत में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, मोदी ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच जी20 समूह के स्थायी सदस्य के रूप में 55 सदस्य देशों के समूह अफ्रीकी संघ (एयू) का भी स्वागत किया। एयू अध्यक्ष और कोमोरोस के राष्ट्रपति अज़ाली असौमानी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर विश्व नेताओं के बीच अपना स्थान ग्रहण किया। उन्होंने कहा, ”कोविड के बाद की दुनिया विश्वास की कमी से जूझ रही है और (यूक्रेन) युद्ध ने इसे और गहरा कर दिया है।” उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक भलाई के लिए एक साथ चलने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा, “हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब सदियों पुरानी समस्याएं जवाब ढूंढ रही हैं, और हमें मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की जरूरत है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का विचार हमारे लिए एक मार्गदर्शक हो सकता है।” मोदी ने कहा, “भारत की जी20 की अध्यक्षता देश के अंदर और बाहर दोनों जगह समावेशन का प्रतीक बन गई है।”
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