न्यूयॉर्क (New York)। संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में सैन्य सलाहकार कर्नल आशीष भल्ला (Military Advisor Colonel Ashish Bhalla) ने बुधवार को विश्व शांति स्थापना (World peace establishment) में भारत (India) की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीसबिल्डिंग रिपोर्ट पर संयुक्त बहस में भारत की तरफ से कर्नर आशीष भल्ला ने शिक्षा को शांति निर्माण का एक प्रमुख घटक बताया। उन्होंने कहा कि विश्व में शांति बनाए रखने के लिए भारत ने हमेशा शांति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कर्नल आशीष भल्ला ने कहा, “हम दक्षिण के देशों के साथ व्यापक विकास साझेदारी के माध्यम से शांति स्थापित करने में लगे हुए हैं।” उन्होंने बताया कि भारत की विकासात्मक परियोजनाओं का संचित मूल्य अब 40 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। इसमें आसान कर्ज, अनुदान और क्षमता बढ़ाने से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।
कर्नल भल्ला ने की पीसीबी रिपोर्ट की सराहना
कर्नल भल्ला ने 2023 की पीसीबी रिपोर्ट को आयोग द्वारा दी गई सकारात्मक पहल का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि शांति स्थापना चुनौतियों का समाधान करने और संघर्ष की स्थितियों में शांति बनाए रखने के लिए दूरंदेशी एजेंडा को अच्छी तरह से डिजाइन किया गया है। कर्नल भल्ला ने क्षेत्रीय शांति पहलों के समर्थन में शांति निर्माण आयोग के काम की सराहना की। उन्होंने आगे कहा, “हम पीसीबी की भी सराहना करते हैं, क्योंकि इन्होंने निर्णय लेने और राजनीतिक प्रक्रियाओं में महिलाओं की पूर्ण और समान भागीदारी, सुरक्षा क्षेत्र के सुधारों को आगे बढ़ाने जैसे मुद्दों पर निरंतर काम किया।।
क्रोएशिया और ब्राजील को दी बधाई
कर्नल भल्ला ने पिछले साल शांति स्थापना आयोग के नेतृत्व के लिए क्रोएशिया को और इस साल आयोग का नेतृत्व किया है उसके लिए ब्राजील को भी बधाई दी। उन्होंने 2017 में स्थापित भारत संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष पर प्रकाश डालते हुए वैश्विक विकास के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता पर बात की। उन्होंने बताया कि केवल पांच वर्षों में, फंड ने 56 विकासशील देशों के अध्यक्ष के साथ साझेदारी में 75 दक्षिण-नेतृत्व वाली विकास परियोजनाओं का समर्थन किया है। कर्नल भल्ला ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अन्य अंगो और सार्वजनिक संस्थाओं की भूमिका के दोहराव से बचने की जरूरत है। इसी के साथ उन्होंने शांति स्थापना में भारत की निरंतरता प्रतिब्धता का आश्वासन दिया।
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