भोपाल। भारत में 700 समुदाय के आदिवासी, लेकिन उनकी भाषाएं इससे ज्यादा हैं। भाषाओं को बचाकर रखना लेखकों का कर्तव्य है। यह हम सभी का भी दायित्व है। राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद मेरी सबसे अधिक यात्राएं मध्यप्रदेश में हुई हैं। मध्य प्रदेश की यह मेरी 5वीं यात्रा है। यह बातें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहीं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी जनजातीय आबादी मध्यप्रदेश में रहती है। इसलिए ‘उत्कर्ष’ और ‘उन्मेष’ उत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश में होना तर्क संगत भी है और भाव संगत भी है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा में “यत्र विश्वं भवत्येकनीडम्” की भावना प्राचीन काल से आधुनिक युग तक निरंतर उपयुक्त होती जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश प्राचीन काल से कला और संस्कृति की संगम स्थली रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जहां एक ओर वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हमारी कला, संस्कृति, परंपराएं, साहित्य और जीवन मूल्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अत्यंत प्राचीन राष्ट्र है। हमारा ज्ञात इतिहास हजारों साल पुराना है। दुनिया के विकसित देशों में जब सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था तब हमारे देश में वेदों की ऋचाएं रच दी गईं थीं। साहित्य, कला और संगीत में पूरी दुनिया को एक रखने की ताकत है। मध्यप्रदेश प्राचीन काल से ही कला और संस्कृति की संगम स्थली रहा है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये अद्भुत और नया दौर है। जब हमारे प्रधानमंत्री जी अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर, काशी में हों या महाकाल महाराज के दर्शन करने जाएं, तो साष्टांग दंडवत और प्रणाम करते हैं और देश हमारे पुराने मूल्यों को फिर से याद करता है। मनुष्य को मन, बुद्धि और आत्मा का सुख अगर कोई देता है, तो वह साहित्य, संगीत और कला ही है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को दो दिवसीय कार्यक्रम “उत्कर्ष” और “उन्मेष” का शुभारंभ हुआ। भारत की लोक एवं जनजातीय अभिव्यक्तियों के इस राष्ट्रीय उत्सव में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भोपाल पहुंची हैं। “उत्कर्ष” और “उन्मेष” में देशभर के अलग—अलग राज्यों से जनजातीय कलाकार भी आए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही इस कार्यक्रम में राज्यपाल मंगु भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम 5 अगस्त तक रवींद्र भवन में चलेगा।
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