नई दिल्ली (New Delhi)। यूक्रेन में युद्ध (Ukraine war) अपने तीसरे साल में पहुंच गया है. कट्टर दक्षिणपंथी पार्टियां (Radical right-wing parties.) यूरोप और मिडिल ईस्ट (Europe and the Middle East) के सत्ता केंद्रों में आग लगा रही हैं. लोकतांत्रिक दुनिया को इस हफ्ते G-7 से तत्काल मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है. दक्षिणी इटली (Southern Italy .) के तटीय रिसॉर्ट बोर्गो एग्नाज़िया (Coastal resort Borgo Egnazia) में जी7 शिखर सम्मेलन (G7 summit.) में यकीनन इस समूह में वर्षों से जुटाए गए नेताओं का सबसे कमजोर जमावड़ा है. अधिकांश उपस्थित लोग चुनावों या घरेलू संकटों से विचलित हैं, कार्यालय में वर्षों से निराश हैं या सत्ता से बुरी तरह चिपके हुए हैं. मेलोनी को छोड़कर जी7 शिखर सम्मेलन में सभी नेता काफी कमजोर हैं।
जी-7 में दिखी हिंदुस्तान की छाप
प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) शाम करीब 6:40 बजे इटली के लिए रवाना हुए. तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की ये पहली विदेश यात्रा है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के इटली पहुंचने से पहले ही इटली में हो रहे G-7 में हिंदुस्तान की छाप देखने को मिली. इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी (Italy’s PM Georgia Meloni) ने अपने मेहमानों का स्वागत नमस्ते से किया।
आमतौर पर भारतीय नेता दूसरे देश के नेताओं के स्वागत में हाथ जोड़ते हैं. भारत में हुए G-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने मेलोनी का स्वागत हाथ जोड़कर किया था फिर दोनों ने हाथ मिलाया. इस बार इटली में प्रधानमंत्री मोदी और मेलोनी की मुलाकात से पहले ही G-7 में हिंदुस्तान की छाप की चर्चा है क्योंकि जर्मन चांसलर के बाद इटली की प्रधानमंत्री ने यूरोपियन कमीशन की अध्यक्ष का भी नमस्ते करके अभिवादन किया।
दुनिया में चल रहे दो युद्ध
मेजबान होने के नाते मेलोनी ने सभी नेताओं का स्वागत पूरे उत्साह से किया. अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन तो इस स्वागत से ऐसे खुश हुए कि उन्होंने मेलोनी को सैल्यूट करते हुए अभिवादन किया. लेकिन भारत में चर्चा मेलोनी के नमस्ते करने की हो रही है. हालांकि इटली में G-7 का आयोजन ऐसे वक्त में हो रहा है जब दुनिया में दो-दो युद्ध चल रहे हैं. यही नहीं अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ चीन की प्रतिस्पर्धा भी तीखी हुई है।
जी-7 नेताओं की ताकत और साख सवालों में
इस तरह इस सम्मेलन के दौरान कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें रूस, चीन, यूक्रेन, इजरायल और अफ्रीका जैसे देशों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. लेकिन बड़ी बात ये है कि जो नेता इतने गंभीर संकट के दौरान इटली में इकट्ठा हुए हैं उनकी साख और ताकत घर और बाहर दोनों जगह सवालों में हैं. यूरोपीय यूनियन के चुनाव में हार से तमतमाए इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस में मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया है जिसमें उनकी पार्टी की हालत अच्छी नहीं बताई जा रही।
इसी तरह ऋषि सुनक ने वक्त से पहले चुनाव करवाने का फैसला किया है. सर्वे में दावा किया जा रहा है कि ऋषि सुनक को चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ सकता है. जर्मनी के ओलाफ शोल्ज़ की हालत भी अच्छी नहीं है. पिछले हफ्ते ही उनकी पार्टी को यूरोपीय संसद चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा. जिसके बाद उनके हटाए जाने की अटकलें हैं. कनाडा में नौ साल तक प्रधानमंत्री रहे जस्टिन ट्रूडो के भी भूतपूर्व पीएम होने की भविष्यवाणी कनाडा में खुलकर की जा रही है. वहीं जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की व्यक्तिगत रेटिंग सबसे कम चल रही है।
भारत की भूमिका बेहद अहम
अगर बात 81 साल के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की की जाए तो उनके नेतृत्व में ड्रेमोक्रेटिक पार्टी को हार दिख रही है. मंगलवार को ही बाइडन का बेटा हंटर एक केस में दोषी पाया गया है. हालांकि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता. बैठक से ऐन पहले उनकी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली को यूरोपियन यूनियन के चुनावों में बंपर जीत मिली है. इस तरह मुश्किल में फंसी दुनिया के इस अहम संगठन के सदस्य देशों के प्रमुख सबसे कमजोर हालत में हैं. ऐसे में क्या वो बड़े फैसले ले पाएंगे ये बड़ा सवाल है इसीलिए भारत की भूमिका अहम है।
हिंदुस्तान भले ही G-7 का सदस्य न हो. लेकिन पूरे एशिया में सिर्फ उसे ही बुलावा भेजा गया है जो अपने आप में काफी कुछ कहता है. भारत में हुए G-20 में प्रधानमंत्री मोदी के साथ इटली की पीएम के वीडियो और तस्वीरें खूब वायरल हुईं. दिसंबर 2023 में COP28 समिट में भी प्रधानमंत्री मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलेनी की मुलाकात की सबसे ज्यादा चर्चा हुई. दोनों नेताओं की सेल्फी इंटरनेट पर बहुत ज्यादा देखी गई जिस पर लोगों ने खूब कमेंट किए।
मजबूत हुए भारत और इटली के संबंध
इस सेल्फी को शेयर करते हुए इटली की नेता ने जो हैशटैग और कैप्शन लिखा, खूब वायरल हुआ. मेलोनी ने लिखा ‘COP28 में अच्छे दोस्त’ #मेलोडी. इटली की पीएम ने मोदी और मेलोनी को मिलाते हुए हैशटैग मेलोडी बनाया. जो सोशल मीडिया यूजर्स को खूब पसंद आया. इससे पहले भारत आईं इटली की प्रधानमंत्री ने मोदी को सबसे लोकप्रिय बताकर प्रशंसा की थी।
भारत और इटली के बीच करीबी कितनी तेजी से बढ़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मोदी और मेलोनी पिछले 2 साल से कम वक्त में 4 बार मिल चुके हैं. नवंबर 2022 में दोनों इंडोनेशिया में हुए G-20 सम्मेलन में मिले और इसके 4 महीने बाद ही मेलोनी भारत के अपने पहले दौरे पर आ गईं. फिर दोनों नेताओं की मुलाकात दिसंबर 2023 में COP28 समिट में हुई और आखिरी बार दोनों भारत में हुए G-20 की बैठक में मिले।
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