नई दिल्ली। कच्चे तेल और उर्वरक के अधिक आयात के कारण चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्तूबर की अवधि में रूस से भारत का आयात 64 फीसदी बढ़कर 36.27 अरब डॉलर हो गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा आयात स्रोत बन गया है। अप्रैल-अक्तूबर 2022 के दौरान आयात 22.13 अरब डॉलर था।
यूक्रेन पर हमला करने के बाद से पश्चिम के कुछ देशों ने रूस को दंडित करना चाहते हैं। ऐसे में उन्होंने मॉस्को से कच्चे तेल का आयात कम कर दिया है या बंद कर दिया। वहीं भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है। चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस अवधि में चीन से आयात घटकर 60.02 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 60.26 अरब डॉलर था। इसी तरह, अमेरिका से आयात 16 फीसदी घटकर 24.89 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 29.56 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन अवधि में संयुक्त अरब अमीरात से आयात 21 फीसदी घटकर 24.91 अरब डॉलर रह गया।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान सऊदी अरब, इराक, इंडोनेशिया, सिंगापुर और कोरिया से आयात में भी गिरावट आई है। भारत के सभी शीर्ष 10 आयात स्रोत देशों में स्विट्जरलैंड से आयात बढ़कर 13.97 अरब डॉलर हो गया, जो सोने के आयात के कारण अप्रैल-अक्तूबर 2022 में 10.48 अरब डॉलर था।
निर्यात के मोर्चे पर इस अवधि के दौरान अपने शीर्ष -10 गंतव्यों में से छह में भारत के निर्यात में नकारात्मक वृद्धि दर दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के दौरान अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, जर्मनी, बांग्लादेश और सऊदी अरब को देश के वस्तु निर्यात में गिरावट आई है।
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