नई दिल्ली। भारत की विकास दर चालू वित्त वर्ष में चीन से अधिक रहेगी। इस अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की जीडीपी की वृद्धि दर 5 फीसदी रह सकती है। 2024-25 में भारत और चीन की वृद्धि दर क्रमश: 6.7 फीसदी एवं 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2% की दर से बढ़ी थी।
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 फीसदी पर कायम रखते हुए कहा, ग्रामीण व शहरी उपभोक्ता मांग में सुधार, उपभोक्ता भरोसा, शहरी बेरोजगारी और मोटरबाइक की बिक्री के आंकड़ों की वजह से उसने वृद्धि दर के अनुमान को बरकरार रखा है। वैश्विक सुस्ती से निर्यात घटने की स्थिति में यह अनुमान प्रभावित हो सकता है।
एडीबी के मुताबिक, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के 2023-24 में 4.8 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2024-25 में वृद्धि दर 4.8 फीसदी से घटकर 4.7 फीसदी रह जाएगी।
महंगाई के अनुमान को घटाकर 4.9% किया
एडीबी ने कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई के अनुमान को मामूली घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया है। अप्रैल में उसने महंगाई 5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। खुदरा महंगाई 2022 में ज्यादातर समय 6 फीसदी से ऊपर रही थी। जून, 2023 में यह घटकर 4.81 फीसदी रह गई।
ब्याज दर में कम वृद्धि से मिला समर्थन
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में निवेश वृद्धि मजबूत बनी हुई है। बैंक कर्ज में बढ़ोतरी और घरों की मांग के आंकड़े दर्शाते हैं कि केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर में कम बढ़ोतरी से समर्थन मिला है।
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