नई दिल्ली। महंगाई व औद्योगिक उत्पादन दोनों मोर्चे पर घरेलू अर्थव्यवस्था अनुमान से बेहतर स्थिति में है। सितंबर में खुदरा महंगाई दर में उम्मीद से ज्यादा कमी आई है, जबकि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) भी अगस्त में 10.3 फीसदी बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अर्थशास्त्रियों ने एक सर्वे में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई 5.50 फीसदी रहने का अनुमान जताया था, जबकि आईआईपी में 9.5 फीसदी वृद्धि की उम्मीद जताई गई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में शहरी महंगाई अगस्त के 6.59 फीसदी से घटकर 4.65 फीसदी रह गई। ग्रामीण इलाकों में यह 7.02 फीसदी से कम होकर 5.33 फीसदी रही। इस दौरान सब्जियों की कीमतों में मासिक आधार पर बड़ी गिरावट आई। पेय पदार्थों, ईंधन व बिजली के दाम भी घटे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, मुख्य महंगाई घटकर 4.7 फीसदी रही, जो फरवरी, 2020 के बाद सबसे कम है।
सबसे कम महंगाई वाले राज्य
नरमी के बावजूद ऊंची बनी हुई हैं कीमतें
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, नरमी के बाद भी खुदरा महंगाई ऊंची बनी हुई है। असामान्य बारिश, बुवाई में देरी व जलाशयों में कम पानी अच्छा संकेत नहीं है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved