नई दिल्ली । विश्व बैंक की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार (According to the World Bank Report Released on Tuesday), भारत की जीडीपी (India’s GDP) 2023-24 में (In 2023-24) 6.3 प्रतिशत तक नीचे आने की संभावना है (Likely to Decline by 6.3 Percent) । वर्ल्ड बैंक ने इससे पहले 6.6 प्रतिशत का अनुमान लगाया था। मुख्य रूप से ऋण की ऊंची कीमत के चलते खपत में गिरावट आई है। पिछले साल मई से भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है।
अपने ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ में, विश्व बैंक ने कहा कि खरीदने की कम क्षमता के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण बाहरी कारकों के कारण आर्थिक विकास प्रभावित होने की संभावना है। “ऋण की बढ़ती लागत और धीमी आय वृद्धि निजी उपभोग वृद्धि पर असर डालेगी और महामारी से संबंधित राजकोषीय समर्थन उपायों को वापस लेने के कारण सरकारी खपत धीमी गति से बढ़ने का अनुमान है।”
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चालू खाता घाटा भी 2023-24 में घटकर 2.1 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 2022-23 में यह 3 प्रतिशत था। मुद्रास्फीति पर, विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह चालू वित्त वर्ष में 5.2 प्रतिशत तक कम होने की संभावना है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 6.6 प्रतिशत थी।
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