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    शतरंज में भारत के पहले ग्रैंड मास्टर और पूर्व वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद पर बायोपिक बनने जा रही

  • December 11, 2020

    पिछले कुछ सालों में भारत में खेल और मशहूर खिलाड़ियों पर फिल्में बनने का चलन बढ़ा है. मिल्खा सिंह, मैरी कॉम, सचिन तेंदलुकर और एमएस धोनी जैसे देश के सबस बड़े खिलाड़ियों के जीवन और करियर पर फिल्में बन चुकी हैं और उन्हें खूब पसंद भी किया गया है. वहीं हॉकी, मुक्केबाजी और क्रिकेट पर फिल्में बनती ही रही हैं. अब इस लिस्ट में एक और दिग्गज भारतीय का नाम जुड़ने जा रहा है. शतरंज में भारत के पहले ग्रैंड मास्टर और पूर्व वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) पर अगले साल एक बायोपिक बनने जा रही है.

    चेस की दुनिया में भारत का झंडा फहराने वाले विश्वनाथन आनंद ने पिछले करीब 3 दशकों से इस खेल में अपना लोहा मनवाया. चेस के हर प्रारूप में वर्ल्ड चैंपियन बन चुके आनंद ने इस खेल के प्रति देश में अलग क्रांति पैदा की थी. उनकी देखा-देखी भारत में कई बच्चों और युवाओं ने चेस को अपनाया और इस खेल में भारत का नाम रोशन किया. आज भारत में 40 से ज्यादा ग्रैंड मास्टर हैं.

    यही कारण है कि शुक्रवार 11 दिसंबर को 51 साल के हुए विश्वनाथन आनंद का जीवन अगले साल सिल्वर स्क्रीन पर दिखेगा. काले और सफेद रंग के 64 खानों के बोर्ड पर होने वाले खेल में अपनी बादशाहत कायम करने वाले आनंद ने मुंबई के एक प्रोडक्शन हाउस के साथ अपनी बायोपिक के लिए सहमति बनाई है. ईएसपीएन की रिपोर्ट के मुताबिक, सनडाइल एंटरटेनमेंट (Sundial Entertainment) प्रोडक्शन हाउस ने आनंद के साथ बायोपिक के निर्माण के लिए समझौता किया है. रिपोर्ट के मुताबिक मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक आनंद एल राय इसको डाइरेक्ट करेंगे.

    इस फिल्म के निर्माण की शुरुआत अगले साल होगी. ये फिल्म आनंद के जीवन के हर उस पड़ाव को छुएगी, जिसने उनके इस मकाम तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई. 1988 में भारत के पहले चेस ग्रैंड मास्टर बनने से लेकर 2000 के पहले दशक में इस खेल का वर्ल्ड चैंपियन बनने तक आनंद के करियर के बड़ी उपलब्धियों और उसको हासिल करने के लिए किए गए संघर्ष की कहानी इस बायोपिक में बयान होगी.

    दुनिया के पूर्व नंबर एक चेस प्लेयर आनंद ने 5 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था. उन्होंने क्लासिकल फॉर्म के साथ ही रैपिड और ब्लिट्ज में भी चैंपियनशिप का खिताब जीता था. 2013 में नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने उन्हें हराकर वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीता था. आनंद को ही भारत के सबसे पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. हाल ही में नेटफ्लिक्स पर आई लिमिटेड सीरीज ‘द क्वीन्स गैम्बिट’ की भारी सफलता और पॉपुलैरिटी को भुनाने की कोशिश के तौर पर भी इसे देखा जा रहा है. इस खेल में भारत के सबसे बड़े हीरो पर बनी फिल्म से भी एक बार फिर चेस को देश में लोकप्रिय बनाए जाने में मदद मिलेगी.

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