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‘भारत की वित्तीय संभावनाओं को पूरी तरह से नहीं तलाशा गया’, स्मृति ईरानी ने गिनाईं देश की उपलब्धियां

September 17, 2024

वॉशिंगटन। पूर्व मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कहा कि भारत ने कितनी प्रगति कर ली है, इस बारे में लोगों का काफी कम जानकारी है। इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की वित्तीय संभावनाओं को पूरी तरह से नहीं तलाशा गया है।

अमेरिका के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में स्मृति ईरानी ने कहा, ‘हमारे देश की वित्तीय संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह नहीं तलाशा गया है। एक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को निकट दृष्टि से देखा जाता है, मान लीजिए कि इस पर दावोस में चर्चा होती है या (विश्व) बैंक में चर्चा होती है, लेकिन परिचालन के लिहाज से हम कई स्तरों पर अवसर पैदा करते हैं, जो दिखाई नहीं देते।’

फिलहाल अमेरिका की अनौपचारिक यात्रा पर आईं ईरानी ने कहा कि भारत ने कितनी प्रगति की है, इस बारे में जानकारी का काफी अभाव है। उन्होंने कहा, ‘भारत द्वारा की गई जलवायु कार्रवाई के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। इसी तरह, मान लीजिए कि सटीक विनिर्माण में, कृषि आधारित उद्योग में, गलत धारणा यह है कि हमारी अर्थव्यवस्था केवल बड़े व्यवसायों के लिए खुली है।’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वर्तमान में अगर आप हमारे देश के छोटे व्यापारियों को देखें तो 90 प्रतिशत खुदरा व्यापार तथाकथित असंगठित क्षेत्र में होता है। कारोबारी दृष्टिकोण से छोटी दुकानों, जिन्हें दिल्ली में अक्सर ‘किराना दुकान’ या अमेरिका में ‘मॉम-एंड-पॉप’ स्टोर कहा जाता है, का कारोबार 844 अरब डॉलर का हो रहा है।’


इतना ही नहीं उन्होंने तीन महीने से भी कम समय में वैक्सीन की 2.2 अरब खुराक देने की भारत की उपलब्धि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘वे आश्चर्यचकित थे। जब मैं कहती हूं कि वे, मैं भारत के बाहर किसी की भी बात कर रही हूं विशेष रूप से पश्चिमी दुनिया, हैरान थे कि हम एक एप बना सकते हैं और न केवल खुराक बांट सकते हैं, बल्कि 600,000 गांवों को पता है कि महामारी में क्या करना है।’ उन्होंने कहा कि अन्य देश भी इस बात से आश्चर्यचकित थे कि भारत केवल तीन महीनों में पीपीई सूट निर्माण में एक प्रमुख शक्ति बन सकता है, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है, चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है और आपूर्ति श्रृंखला में वित्तीय बाधाओं को तोड़ सकता है।

भाजपा नेता ने कहा, ‘हमें इस तथ्य का भी लाभ उठाना चाहिए और इस पर जोर देना चाहिए कि भारत में हमने यह साबित कर दिया है कि वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखलाओं को राजनीतिक कारणों से बंधक नहीं बनाया जाएगा। यह एक ऐसा संदेश है जिसे भारत बार-बार दुनिया को दे सकता है। कोविड से निपटने में हमारी शानदार सफलता एक ऐसी चर्चा है, जो अक्सर दोहराई नहीं जाती है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन जब हम मुश्किल में थे, तब हमने न केवल अपना टीका बनाया, हमने न केवल अपने नागरिकों की पूरी क्षमता से रक्षा की, बल्कि हम तब से 80 करोड़ भारतीयों को खाना भी खिला रहे हैं, जो दुनिया के किसी भी देश द्वारा संभव नहीं है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम भारतीयों के लिए नैतिक रूप से यह जरूरी है कि जब भी हम अपने देश से बाहर हों, इन मुद्दों पर बात करते रहें और कहें कि हमने इतना कुछ किया है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया के कदम उठाने का इंतजार नहीं कर रहा है, बल्कि उसने दुनिया के लाभ के लिए समाधान तैयार किए हैं।

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