नई दिल्ली। प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सन्याल ने आर्थिक सर्वे पर कहा है कि आर्थिक गतिविधियां कोरोना से पहले के स्तर से ऊपर निकल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि तमाम सेक्टर में तेजी देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं उन्होंने इकनॉमिक सर्वे को लेकर क्या-क्या बातें कहीं।
- मनरेगा के लिए मांग भी कोरोना काल से पहले के स्तर से ऊपर है।
- अर्थव्यवस्था के रिवाइवल के साथ रोजगार के इंडिकेटर्स भी कोरोना काल से पहले के स्तर तक पहुंच गए हैं।
- पेटेंट एप्लिकेशन में तेजी आई है। आपके और मेरे जैसे भारतीय नागरिक भी पेटेंट ले रहे हैं, ना कि सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियां ऐसा कर रही हैं।
- सामाजिक सेवाओं पर खर्च 2021-22 में बढ़कर करीब 20 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
- भारत अकेला ऐसा देश है, जिसे लेकर आईएमएफ ने अनुमान को बढ़ाया है। जल्द ही हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होंगे।
- हर साल आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें इतनी अधिक क्यों बढ़ जाती हैं? यह चर्चा का विषय है। कोल्ड स्टोरेज सुविधा से इससे निपटा जा सकता है।
- इंडस्ट्रियल सेक्टर में ग्रोथ 4.1 फीसदी के करीब है, जो कोरोना से पहले के स्तर से अधिक है।
- एग्रिकल्चर सेक्टर में ग्रोथ अभी 8 फीसदी के करीब है, जो कोरोना काल से पहले के स्तर से अधिक है।
- 2016-17 में देश के अधिकतर हिस्से में स्टार्टअप कल्चर नहीं था। 5 साल बाद 555 जिलों में कम से कम एक स्टार्टअप है।
- कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर बहुत ही मामूली है, जिसके चलते अर्थव्यवस्था पर इस बार असर बहुत ही कम है।
- ग्रॉस एनपीए का स्तर भी तेजी से कम हो रहा है और आज के वक्त में बैंक बेहतर स्थिति में हैं।
- सरकार का फिस्कल डेफिसिट कोरोना से पहले के स्तर से नीचे आ गया है, जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही अच्छा संकेत है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था 2021-22 में 9.2 फीसदी की दर से बढ़ी है, जो 2020-21 में करीब 7.3 फीसदी तक सिकुड़ गई थी।
- सरकार की टैक्स और नॉन-टैक्स दोनों तरह से होने वाली कमाई बढ़ी है।