नई दिल्ली(New Delhi) । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (New Delhi) ने इस साल के लिए भारत के आर्थिक परिदृश्य(india’s economic scenario) को बेहतर किया है। मुद्रा कोष (monetary Fund)के ताजा अनुमान(Latest estimates) के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर अब सात प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह अप्रैल में अनुमानित 6.8 प्रतिशत से अधिक है। आईएमएफ ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निजी खपत बढ़ने की वजह से भारत के आर्थिक विकास की रफ्तार में गति देखने को मिल सकती है।
दुनिया के 190 देशों को कर्ज देने वाला वैश्विक संगठन मुद्रा कोष आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने और वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए काम करता है। विश्व आर्थिक परिदृश्य के ताजा आंकड़े के साथ आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने लिखा है कि इस साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि में भारत और चीन की हिस्सेदारी लगभग आधी होगी। ताजा अनुमान के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर अब सात प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसका एक कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत उपभोक्ता खर्च है।
चीन का भी बढ़ाया, अमेरिका-जापान का घटाया
इसके साथ ही चीन और यूरोप के मामले में भी अनुमान को बढ़ाया है। वहीं, अमेरिका और जापान के मामले में अनुमान मामूली रूप से घटाया है। हालांकि, मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है।
ऐसी रहेगी वैश्विक वृद्धि की रफ्तार
आईएमएफ ने कहा कि उसे अब भी उम्मीद है कि विश्व अर्थव्यवस्था इस साल 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह अप्रैल में जताये गए उसके पिछले अनुमान के समान है। जबकि 2023 की 3.3 प्रतिशत की वृद्धि से कम है।
आर्थिक वृद्धि अनुमान (% में)
देश पहले अब
भारत 6.8 7.0
चीन 4.6 5.0
यूरो देश 0.5 0.9
अमेरिका 2.7 2.6
जापान 0.7 0.9
मजबूत खपत जीडीपी को तेज रफ्तार देगी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस साल के लिए भारत के आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया है। आईएमएफ ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निजी खपत बढ़ने की वजह से भारत के आर्थिक विकास की रफ्तार में गति देखने को मिल सकती है। इसके मद्देनजर संगठन ने उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास दर के पूर्वानुमान को संशोधित किया है।
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल भारत में विकास पूर्वानुमान को संशोधित कर 7.0 प्रतिशत कर दिया गया है। यह बदलाव 2023 में विकास दर में बढ़ोतरी और निजी उपभोग के लिए बेहतर संभावनाओं को दर्शाता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। दुनिया के 190 देशों को कर्ज देने वाला वैश्विक संगठन मुद्रा कोष आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने और वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए काम करता है।
अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी बढ़ाया अनुमान
इससे पहले, आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इसके अलावा अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत की वृद्धि दर 7 से 7.2 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली गति से बढ़ी, जो एक साल पहले 7 प्रतिशत थी। ऐसा चौथी तिमाही में उम्मीद से अधिक 7.8 प्रतिशत के मजबूत विस्तार के कारण हुआ।
वैश्विक अर्थव्यवस्था ऐसी रहेगी
आईएमएफ ने कहा कि उसे अब भी उम्मीद है कि विश्व अर्थव्यवस्था इस साल 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह अप्रैल में जताये गये उसके पिछले अनुमान के समान है। हालांकि, मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved