नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर आई है। दरअसल, इस बार भारत के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सीबीडीटी प्रमुख ने जानकारी देते हुए बताया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.09 लाख करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया यानी इसमें 49.02 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
जेबी महापात्र ने बताया कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में रिकॉर्ड वृद्धि कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में वापसी के संकेत हैं। महापात्र ने एक सम्मेलन के अंत में कहा कि 2021-22 का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (आई-टी रिफंड को ध्यान में रखते हुए) 2018-19 में हासिल किए गए ₹11.37 लाख करोड़ से 2.5 लाख करोड़ अधिक है।
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी जबरदस्त इजाफा
जेबी महापात्र ने कहा कि 2021-22 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह ने पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 32.75% से अधिक की वृद्धि दिखाते हुए, 16.34 लाख करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया।
7.14 करोड़ से अधिक I-T रिटर्न दाखिल किए गए
जेबी महापात्र ने कहा कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर 2021-22 के लिए 7.14 करोड़ से अधिक I-T रिटर्न दाखिल किए गए, जबकि 2020-21 के लिए 6.97 करोड़ से अधिक दाखिल किए गए थे।
पहली बार प्रत्यक्ष कर संग्रह ने अप्रत्यक्ष कर संग्रह को पछाड़ दिया
महापात्र ने कहा कि पहली बार प्रत्यक्ष कर संग्रह ने अप्रत्यक्ष कर संग्रह को पछाड़ दिया है, जो कुल कर संग्रह का 52 फीसदी है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में इसे 60 फीसदी करने का लक्ष्य है और अगले 15 सालों में टैक्स-जीडीपी अनुपात को मौजूदा 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करना है।
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