नई दिल्ली। केरल के कोझिकोड में शुक्रवार रात बड़ा विमान हादसा हुआ। लैंडिंग के वक्त एयर इंडिया का विमान रनवे से फिसल गया, जिसके बाद विमान दो हिस्सों में टूट गया। इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। एयर इंडिया का यह विमान दुबई से कालीकट आ रहा था। जिस रनवे पर यह हादसा हुआ उस टेबल टॉप रनवे कहा जाता है। भारत समेत पूरी दुनिया में पहाड़ों और पठारों में बने ऐसे रनवे पर विमान उतारना काफी चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा होता है। भारत में ऐसी ही और भी खतरनाक हवाई पट्टियां हैं जहां लैंडिंग के वक्त यात्रियों की नहीं पायलटों की भी सांसें थम जाती हैं।
साल 2018 में सिक्किम को अपना पहला एयरपोर्ट मिला था। इस एयरपोर्ट के रनवे को भी टेबल टॉप रनवे कहा जाता है। यह रनवे समुद्र तल से 4,500 फुट की ऊंचाई पर बसे पाकयोंग गांव के करीब दो किलोमीटर ऊपर एक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है। यह एयरपोर्ट 201 एकड़ जमीन में फैला है।
इसी तरह जम्मू-कश्मीर के लेह में भी कुशोक बाकुला रिमपोची एयरपोर्ट पर टेबलटॉप रनवे हैं जहां विमानों को उतारना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। यह एयरपोर्ट सबसे ज्यादा ऊंचाई पर होने की वजह से भी दुनिया भर में चर्चित है। इस एयरपोर्ट की हवाई पट्टी 3259 मीटर की ऊंचाई पर है। रनवे के अलावा आपको चारों तरफ सिर्फ पहाड़ और बर्फ ही देखने को मिलेगी।
मिजोरम के लेंगपुई एय़रपोर्ट का रनवे भी पहाड़ की चोटियों पर बना है जो करीब 2500 मीटर लंबा है। खास बात यह है कि यह नदियों के संगम पर बना हुआ है। ये भारत के उन 3 एयरपोर्ट में से एक है जिसके पास टेबल टॉप रनवे है जो ऑप्टिकल इल्यूजन पैदा करता है।
केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप के अगाती एरोड्रोम की हवाई पट्टी को भी बेहद खतरनाक माना जाता है। यह एयरपोर्ट अगाती द्वीप के दक्षिण में बना हुआ है। लक्षद्वीप में एक मात्र यही हवाई पट्टी है और इसकी लंबाई महज 4000 फीट है। बेहद छोटे रनवे होने की वजह से यहां विमान को उतारना हर बार काफी चुनौतीपूर्ण होता है। यह एयरपोर्ट देखने में बेहद खूबसूरत है लेकिन यहां विमानों की लैडिंग में काफी जोखिम है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में बने गग्गल एयरपोर्ट की हवाई पट्टी को भी बेहद खतरनाक माना जाता है। 1200 एकड़ में बने इस एयरपोर्ट पर हवाई पट्टी 2492 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। यहां विमान लैंड कराने में थोड़ी सी भी चूक किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकती है।
पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रनवे आइलैंड पर बना हुआ है और ये चारों तरफ से हरियाली से पूरी तरह ढका हुआ है। इसलिए इस एयरपोर्ट पर विमान उतारना पायलट के लिए मुश्किल माना जाता है क्योंकि रनवे तब नजर आता है जब विमान बेहद नीचे आ जाता है।
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