डेस्क: इजराइल और हमास के बीच बीते छह महीनों से जंग जारी है। इस बीच इजराइल को निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों की जरूरत है। श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए 6,000 से अधिक भारतीय श्रमिक अप्रैल और मई में इजराइल पहुंचेंगे। इजराइली सरकार की ओर से बुधवार देर रात जारी एक बयान में कहा गया है कि इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और निर्माण एवं आवास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि इन श्रमिकों को रियायती विशेष विमान से लाया जाएगा।
‘एयर शटल’ से इजराइल पहुंचेंगे श्रमिक
बयान में कहा गया कि भारत से कामगारों को ‘एयर शटल’ से लाया जाएगा। इजराइल का निर्माण उद्योग विशिष्ट क्षेत्रों में कामगारों की भर्ती करता है जहां इजराइली कामगारों की भारी कमी है। लगभग 80,000 श्रमिकों का सबसे बड़ा समूह फलस्तीन प्राधिकरण-नियंत्रित वेस्ट बैंक से आया और 17,000 श्रमिक गाजा पट्टी से यहां आ कर काम कर रहे थे लेकिन अक्टूबर में संघर्ष शुरू होने के बाद उनमें से अधिकतर का कार्य परमिट रद्द कर दिया गया।
जारी रहेगा श्रमिकों के जाने का सिलसिला
बयान में कहा गया है कि यह ‘‘इजराइल में निर्माण क्षेत्र के लिए कम समय में आने वाले विदेशी श्रमिकों की सबसे बड़ी संख्या है।’’ भारत से ये श्रमिक दोनों देशों की सरकारों (जी2जी) के बीच समझौते के तहत इजराइल आ रहे हैं। पिछले सप्ताह मंगलवार को समझौते के तहत भारत से 64 निर्माण श्रमिक इजराइल पहुंचे। आने वाले हफ्तों में श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और अप्रैल के मध्य तक कुल 850 श्रमिक आएंगे।
नेतन्याहू ने की थी पीएम मोदी से बात
पिछले कुछ महीनों में ‘बी2बी’ माध्यम से 900 से अधिक निर्माण श्रमिक भारत से आए हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले वर्ष दिसंबर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी और भारत से निर्माण क्षेत्र के अधिक श्रमिकों को भेजने का अनुरोध किया था।
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