नई दिल्ली। चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसके तटों पर मालवाहक जहाजों में अटके भारतीयों और चीन के आस्ट्रेलिया तथा भारत के साथ तल्ख होते रिश्ते के बीच कोई संबंध नहीं है।
इस मुद्दे पर एक प्रश्न के उत्तर में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंबिन ने कहा कि इस विषय में बार-बार दोहराया गया है कि चीन के क्वॉरेंटाइन संबंधी तौर तरीके और शर्तें स्पष्ट हैं। चीन इस संबंध में भारतीय पक्ष के साथ करीबी संपर्क बनाए हुए है और उनके अनुरोध पर सभी जरूरी सहायता पहुंचा रहा है।
चीन ने कहा कि उसके जिंगतांग पोर्ट पर चालक सदस्यों को बदलने की अनुमति नहीं है। हालांकि चीन ने काओफ्रडियन पोर्ट पर अटके 16 भारतीयों के बारे में कुछ नहीं कहा। वांग वेंबिन ने कहा कि जहां तक दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का प्रश्न है, इसका मौजूदा वाक्य से कोई संबंध नहीं है।
इससे पहले गुरुवार को भारत ने भारतीय चालक दल वाले मालवाहक जहाजों के साथ चीन के रवैये पर आश्चर्य जाहिर किया था। भारत का कहना है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल बताकर चीन अपने तटों पर इन जहाजों को दायित्व मुक्त नहीं कर रहा जबकि इन जहाजों के बाद आए मालवाहक जहाजों को मुक्त कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोयला ले जा रहे मालवाहक जहाज एमवी जगआनंद और एमवी अनास्तासिया क्रमशः 13 जून और 20 सितम्बर से चीनी तटों पर अटके हुए हैं। जगआनंद में 23 भारतीय और अनास्तासिया में 16 भारतीय चालक दल सदस्य के रूप में जहाज में ही अटके हुए हैं। इनके परिवार वालों ने सरकार से इस संबंध में गुहार लगाई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को सप्ताहिक प्रेस वार्ता में बताया था कि चीनी अधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 संबंधित प्रतिबंधों के चलते चालक दल को बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कंपनी के मालिक तथा कार्गो के रिसीवर को देरी के कारण से अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि कुछ अन्य मालवाहक जहाजों को इन्हीं परिस्थितियों में जाने की अनुमति दे दी गई है। एजेंसी
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