नई दिल्ली: रूसी सेना (Russian army) में भारतीय नागरिकों (Indian citizens) को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. हाल ही में रूस में सूरत के युवा की मौत से ये मामला और पेचीदा हो गया है. इस बीच विदेश मंत्रालय ने पूरे विवाद पर सोमवार को एक बयान जारी किया और बताया कि रूसी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में काम कर रहे कई भारतीयों को भारत की मांग के बाद कार्यमुक्त कर दिया गया है.
बयान में ये भी कहा गया कि भारतीय विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) रूसी अधिकारियों से मिलकर मामले को उठा रहा है. मॉस्को के साथ दिल्ली ने लगातार बातचीत की है. विदेश मंत्रालय के बयान में उन मीडिया रिपोर्ट्स को भी गलत बताया गया है जिनमें ये दावा किया गया कि भारतीयों ने रूसी सेना से कार्यमुक्त होने के लिए मदद मांगी है.
विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय दूतावास हर केस पर नजर बनाए हुए है और रूसी अथॉरिटी के साथ इस मामले को उठाया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप कई भारतीयों को पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस की सेना से भारतीयों को बाहर निकालने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. इससे पहले आए विदेश मंत्रालय के बयान में भारतीयों को किसी भी विदेश भेजने वाली एजेंसी, एजेंट से सावधान रहने की सलाह दी गई थी.
सूरत के लड़के की रूस में मौत का दावा
रूस में नौकरी के लिए गए 23 वर्षीय युवक की एक मिसाइल हमले में मौत का दावा किया जा रहा है. 23 वर्षीय हैमिल अश्विन मंगेकिया को रूसी सेना में सहायक के रूप में भर्ती किया गया था, जिसकी मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि बाबा ब्लॉग के विज्ञापन के जरिए अश्विन मंगेकिया को पहले मुंबई, वहां से चेन्नई और रूस ले जाया गया था.
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