वॉशिंगटन: कनाडा (Canada) से बड़ी संख्या में भारतीय (Indians) पैदल चलकर बिना दस्तावेज के अमेरिका (America) में जा रहे है। यह संख्या अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। लगातार अवैध तरीके (illegally entering) से घुस रहे लोगों के कारण अब कनाडा की वीजा स्क्रीनिंग (Visa Screening) प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई है। इसके अलावा ऐसी भी खबरें हैं कि कनाडा की यात्रा करने वाले यात्री ऐसी यात्रा करते हैं कि उन्हें यूके में रुकना पड़े। इसके बाद उनके यूके में भी शरण लेने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार अकेले इस साल जून में 5,152 भारतीय बिना दस्तावेज के पैदल चलकर कनाडा से अमेरिका में घुसे हैं।
अमेरिका में भारतीयों की बड़ी संख्या
अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जो कानूनी रूप से वहां जाकर बसे हैं। इन भारतीयों का अमेरिका में आर्थिक रूप से दबदबा है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के एक हालिया अध्ययन में अनुमान लगाया गया कि भारतीय अमेरिकी अमेरिका की कुल आबादी का 1.5 फीसदी हैं। लेकिन वह सभी आयकरों का 5-6 फीसदी भुगतान करते हैं। इस बीच यूके में बंदरगाह पर शरण की चाह में पहुंचे भारतीयों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। 2021 में यह संख्या 495 थी जो 2022 में 136 फीसदी उछाल के साथ 1170 हो गई। 2023 में यह संख्या 1391 पहुंच गई। इस साल की बात करें तो जून तक 475 शरण चाहने वाले लोग यूके बंदरगाह पर पहुंचे।
क्या बोला कनाडा
अमेरिका और यूके दोनों ने ही कनाडा को अपनी चिंताओं के बारे में बता दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने ज्यादा कठोर वीजा स्क्रीनिंग प्रक्रिया की मांग की है। आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (IRCC) के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘IRCC इस समय अमेरिका या यूके के साथ किसी भी बातचीत पर टिप्पणी नहीं कर सकता। कनाडा इन गतिविधियों के पीछे के नेटवर्क को समझने की कोशिश कर रहा है।’ यूके के गृह मंत्रालय ने कहा कि वह इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि सुविधा का दुरुपयोग न किया जाए।
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