वाशिंगटन (washington)। अमेरिका (America) के लिए वीजा अप्लाई करने वाले भारतीयों (Indians applying for Visa) के लिए अच्छी खबर हैं। अमेरिका के लिए वीजा अप्लाई करने वालों के लिए अब अधिक इंतजार नहीं (no more waiting) करना होगा। साथ ही वीजा आवेदकों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए भी पहली की गई हैं। इसके लिए अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति (appointment of temporary workers) की गई।
अमेरिका ने उन आवेदकों को समायोजित करने के लिए देश भर में कांसुलर संचालन (consular operations) शुरू किया, जिन्हें इन-पर्सन वीज़ा साक्षात्कार की आवश्यकता होती है। 21 जनवरी को भारत में अमेरिकी ने मिशन के तहत पहली बार वीजा आवेदकों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने के एक बड़े प्रयास के तहत साक्षात्कार किया। अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद सभी ने शनिवार को उन आवेदकों को समायोजित करने के लिए वाणिज्य दूतावास संचालन शुरू किया, जिन्हें इन-पर्सन वीजा साक्षात्कार की आवश्यकता होती है।
बयान में कहा गया है, आने वाले समय में नियुक्तियों के लिए अतिरिक्त स्लॉट खोले जाएंगे। दूतावास ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने पिछले वीजा वाले आवेदकों के लिए साक्षात्कार छूट के मामलों की दूरस्थ प्रक्रिया को लागू किया है। बयान में कहा गया है, जनवरी से मार्च 2023 के बीच, प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए वाशिंगटन और अन्य दूतावासों के दर्जनों अस्थायी कांसुलर अधिकारी भारत आएंगे।
इसने यह भी कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग भी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को स्थायी रूप से सौंपे गए कांसुलर अधिकारियों की संख्या बढ़ा रहा है। भारत में अमेरिकी मिशन ने 250,000 से अधिक अतिरिक्त बी1/बी2 नियुक्तियां जारी कीं। महावाणिज्य दूतावास ने अतिरिक्त नियुक्तियों के लिए जगह बनाने के लिए अपने कार्यदिवस के संचालन घंटे भी बढ़ा दिए।
दूतावास ने कहा कि मुंबई का महावाणिज्य दूतावास वर्तमान में भारत में सबसे अधिक वीज़ा आवेदनों का निर्णय करता है और यह दुनिया के सबसे बड़े वीज़ा संचालनों में से एक है। मुंबई के कांसुलर प्रमुख जॉन बैलार्ड ने कहा, भारत भर में हमारी कांसुलर टीमें अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने और प्रतीक्षा समय को कम करने के लिए अतिरिक्त समय टीमें काम कर रही हैं। ताकि अधिक से अधिक लोगों को वीजा दिया जा सके। कोविड-19 महामारी के तहत वीज़ा प्रसंस्करण क्षमता में भारी कमी आई, और इसके कई दूतावास और वाणिज्य दूतावास कई बार केवल आपातकालीन सेवाओं की पेशकश करने में सक्षम थे।
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