नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने आज (गुरुवार) को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा (Rajya Sabha) में बताया है कि विदेशों में 10,152 भारतीय नागरिक (Indian Citizen) या तो विदेशी जेलों (Foreign Jail) में विचाराधीन हैं या दोषी करार दिए गए हैं। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (Kirti Vardhan Singh) ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से 49 नागरिक ऐसे हैं जो विदेशों में फांसी का इंतजार कर रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में ऐसे दोषी करार दिए और मौत की सजा पा चुके लोगों की संख्या 25 हैं लेकिन अभी तक उस फैसले पर अमल नहीं हो सका है। यानी ये लोग फांसी का इंतजार कर रहे हैं।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के राज्यसभा सांसद अब्दुल वहाब द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने ये आंकड़े बताए हैं। विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या कई भारतीय विदेशों में वर्षों से जेलों में बंद हैं? साथ ही उन भारतीयों का विवरण भी पूछा गया था जो विदेशों में मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं और उनकी जान बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं।
आठ देशों का आंकड़ा किया जारी
इसके जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है।’’ मंत्री ने कहा कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। सिंह ने आठ देशों से संबंधित सारणीबद्ध आंकड़ा साझा किया, तथा उन भारतीय नागरिकों की संख्या भी बताई जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है, लेकिन फैसले को अभी तक अमल में नहीं लाया जा सका है।
किस देश में कितनों को फांसी का इंतजार
मंत्री ने सदन को बताया कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात में 25, सऊदी अरब में 11, मलेशिया में छह, कुवैत में तीन और इंडोनेशिया, कतर, अमेरिका और यमन में एक-एक भारतीय यानी कुल 49 को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है और वे इसका अमल होने के इंतजार में हैं। मंत्री जी द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा भारतीय जिन देशों की जेलों में कैद हैं, उनमें सबसे आगे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) है, जहां क्रमशः 2,633 और 2,518 कैदी जेल में बंद हैं। इसके बाद नेपाल में 1,317 कतर में 611, कुवैत में 387, मलेशिया में 338, पाकिस्तान में 266, चीन में 173, संयुक्त राज्य अमेरिका में 169, ओमान में 148 और रूस और म्यांमार में 27-27 भारतीय नागरिक कैद हैं।
पिछले पांच साल में 25 को मिला मृत्युदंड
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बीच, कुवैत ने 2020 से अब तक 25 भारतीय नागरिकों को मृत्युदंड दिया है। सऊदी अरब में नौ, जिम्बाब्वे में सात, मलेशिया में पांच और जमैका में एक भारतीय नागरिक को मृत्युदंड दिया जा चुका है। यूएई ने आधिकारिक तौर पर फांसी की संख्या का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अनौपचारिक रिपोर्टों से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में वहां किसी भी भारतीय नागरिक को मृत्युदंड नहीं दिया गया है।
हाल ही में यूपी की शहजादी को दी गई फांसी
मंत्रालय ने कहा, “विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी का मुद्दा विदेश में भारतीय मिशनों और पोस्टों द्वारा स्थानीय अधिकारियों के साथ नियमित रूप से उठाया जाता है। मिशन जांच और न्यायिक कार्यवाही में तेजी लाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों से भी संपर्क करते हैं।” सरकार ने आगे आश्वासन दिया कि भारतीय कैदियों को कांसुलर एक्सेस, कानूनी सहायता और अपील और दया याचिकाओं सहित कानूनी उपायों की खोज में सहायता प्रदान की जाती है। इस महीने की शुरुआत में ही विदेश मंत्रालय ने बताया था कि कैसे पिछले महीने यूएई द्वारा तीन भारतीय नागरिकों को फांसी दी गई है। इनमें उत्तर प्रदेश की शहजादी खान भी शामिल है, जिस पर एक बच्चे की हत्या का आरोप था।
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