न्यूयॉर्क. अमेरिका (America) की संघीय अदालत ने एक भारतीय नागरिक (Indian Citizen) को 35 साल ( 35 years) की जेल की सजा सुनाई है। युवक एक सोशल मीडिया एप ( app) के जरिए बच्चों को यौन शोषण (sexually abusin) करता था। जब नाबालिग ने उसकी बात मानने से इन्कार कर देते तो वह धमकी देता था।
यूएस अटॉर्नी रॉबर्ट ट्रॉस्टर ने कहा कि एडमंड ओक्लाहोमा में अप्रवासी वीजा पर रहने वाले 31 वर्षीय भारतीय नागरिक साई कुमार कुर्रेमुला को यूएस डिस्ट्रिक्ट जज चार्ल्स गुडविन ने तीन बच्चों के यौन शोषण और बाल पोर्नोग्राफी के लिए 420 महीने की सजा सुनाई गई है।
गुडविन ने बताया कि कुर्रेमुला ने पीड़ितों को ऐसा आघात पहुंचाया जो उनके जीवनभर उनके और उनके परिवारों को परेशान करेगा। पिछले साल अप्रैल में कुर्रेमुला पर बच्चों के यौन शोषण और बाल पोर्नोग्राफ़ी के परिवहन का आरोप लगाया था। एक आपराधिक शिकायत के बाद अक्तूबर 2023 में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने एक सोशल मीडिया मैसेजिंग ऐप पर एक खाते की जांच शुरू की। इसमें कुर्रेमुला का अकाउंट था। वह नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण कर रहा था।
एफबीआई एप पर बने आरोपी के अकाउंट के आईपी एड्रेस के जरिए कुर्रेमुला तक पहुंची। सुनवाई के दौरान एफबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसने सोशल मीडिया मैसेजिंग एप से कम से कम 19 नाबालिगों का यौन शोषण किया था। अक्सर अपने पीड़ितों का विश्वास जीतने के लिए वह 13-15 साल का लड़का बन जाता। जब पीड़ितों ने उसकी बात मानने से इन्कार कर दिया तो उसने पीड़ितों को बाल पोर्नोग्राफ़ी बनाने के लिए हेरफेर, धमकी और जबरन वसूली की।
कुर्रेमुला ने दोषी होने की दलील दी। उसने तीन नाबालिग पीड़ितों का यौन शोषण करने और जानबूझकर बाल पोर्नोग्राफी की करने बात स्वीकार की। कुर्रेमुला ने स्वीकार किया कि नाबालिग पीड़ितों को बात मनवाने के लिए वह धमकी देता था। उसने एक नाबालिग को धमकी दी कि वह उसके घर जाएगा और उसके माता-पिता को उसकी तस्वीरें दिखाएगा। जबकि दूसरी पीड़िता को धमकी दी कि वह उसके घर आएगा और उसके परिवार को गोली मार देगा। उसने तीसरी युवती से कहा कि वह उसकी तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक कर देगा।
अटॉर्नी ट्रॉस्टर ने कहा कि अभियुक्त का कई बच्चों का शोषण, हेरफेर और जबरदस्ती करना, न्यायालय द्वारा लगाए गए 35 साल के कारावास को उचित ठहराता है। एफबीआई के ओक्लाहोमा सिटी के विशेष एजेंट इन चार्ज डग गुडवाटर ने कहा कि कुर्रेमुला ने बच्चों को अपने विकृत संतुष्टि के लिए स्पष्ट चित्र भेजने के लिए प्रेरित किया। इन घृणित कार्यों ने पीड़ितों की मासूमियत छीन ली और उनको नुकसान पहुंचाया।
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