नई दिल्ली । चीन (China) से चल रही तनातनी के बीच खबर है कि भारत (India) और अमेरिका (US) की सेनाएं अक्टूबर के महीने में एलएसी (LAC) के करीब उत्तराखंड (Uttarakhand) के औली में हाई-आल्टिट्यूड मिलिट्री एक्सरसाइज (Military Exercise) करने जा रही है. भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच साझा युद्धाभ्यास का ये 15वां संस्करण है. भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच सालाना मिलिट्री एक्सरसाइज होती है, जिसे ‘युद्धाभ्यास’ (Military Exercise) के नाम से जाना जाता है. एक साल ये एक्सरसाइज भारत में होती है और एक साल अमेरिका में.
पिछले साल ये युद्धाभ्यास अमेरिका के अलास्का में किया गया था. इसीलिए इस साल ये एक्सरसाइज भारत में होनी जा रही है. उत्तराखंड का औली करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यहां से लाइन ऑफ कंट्रोल यानि एलएसी करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है. उत्तरांखड से सटी एलएसी भारतीय सेना के सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा है. यहां पर एलएसी का बाड़ोहती इलाका भारत और चीन के बीच लंबे समय से विवादित रहा है.
दो सालों से पूर्वी लद्दाख में सीमारेखा पर तनाव
पिछले दो साल के दौरान जब पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी चल रही थी तब इस इलाके में भी चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ने की खबरें लगातार आती रहती थी. यही वजह है कि अक्टूबर के महीने में भारत और अमेरिका के बीच होने वाली मिलिट्री एक्सरसाइज बेहद अहम हो जाती है. भारत और चीन के बीच एलएसी 10 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर ही है.
गलवान घाटी में हुई थी चीनी सेना से झड़प
गलवान घाटी (Galwan Valley) जहां वर्ष 2020 में भारत (India) और चीन (China) की सेनाओं (Army) में झड़प हुई थी वो भी करीब14 हजार फीट की ऊंचाई पर है. ऐसे में इस युद्धाभ्यास (War Practice) के जरिए भारत अपनी हाई आल्टिट्यूड मिलिट्री वॉरफेयर की रणनीति अमेरिका से साझा करेगा. वहीं अमेरिकी सेना (US Army) भी अलास्का जैसे बेहद ही सर्द इलाकों में तैनात रहती हैं जहां 12 महीने बर्फ रहती है. ऐसे में अमेरिकी सेना भी अपने हाई ऑल्टिट्यूड स्ट्रेटेजी भारतीय सेना से साझा करेगी.
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