नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम (Indian hockey team) ने एशिया कप (Asia Cup) में जापान (Japan) को हराकर कांस्य पदक (bronze medal) पर कब्जा किया। भारत के लिए यह पदक इसलिए भी खास है, क्योंकि इस बार एशिया कप के लिए भारत ने टीम में ज्यादातर जूनियर खिलाड़ियों को भेजा था।
भारतीय हॉकी के पूर्व कप्तान और प्रख्यात खिलाड़ी दिलीप टिर्की ने एशिया कप में भारतीय टीम के प्रदर्शन की जमकर तारीफ की है। टिर्की ने कहा कि एशिया कप में खेलने वाली टीम काफी युवा है और सभी खिलाड़ियों ने अटैकिंग खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन टीम में थोड़े अनुभव की ज़रूरत है।
वहीं, आने वाले विश्व कप और कॉमनवेल्थ गेम्स के बारे में दिलीप ने कहा कि टीम को फ्लिकर पर ज़ोर देना होगा क्योंकि संदीप सिंह औऱ योगराज के जाने के बाद टीम में फ्लिकर्स की कमी हो गई थी। इस बार धुपेंद्र पाल ने अच्छा खेला। आज हमारे पास डिफेंस भी अच्छा है। हमें फिर से 40 साल पुरानी टीम देखने को मिल रही है और ऐसे में टीम को मेंटल और फिजिकल फिटनेस को बरकरार रखना है।
दरअसल, एशिया कप और भारतीय हॉकी पर विश्लेषण करने के लिए देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, कू ऐप (Koo App) ने ‘हॉकी का महामंच’ सजाया, जिसमें भारतीय पूर्व खिलाड़ी दिलीप टिर्की अपनी राय देते नजर आए।
भारतीय कोचिंग के बारे में टिर्की ने टीम को सफल बनाने और नए तरीके से खड़ा करने औऱ फिटनेस के लिए डेविड जॉन की सराहना की। टिर्की की मानें तो 2011-12 के बाद कई कोच आए पर डेविड जॉन ने टीम को एक नए मुकाम पर पहुंचाने में बहुत मदद की। अब सरदार सिंह को टीम की कोचिंग की ज़िम्मेदारी मिली है और यह उनका टूर है। ऐसे में सरदार ने अच्छी कोचिंग की। उम्मीद और शुभकामनाएं हैं कि वह ज्यादा से ज़्यादा रिसर्च कर एक बेहतरीन कोच बनकर सामने आएं।
दिलीप ने भविष्य में होने वाले बड़े टूर्नामेंट के लिए गोलकीपर श्रीजेश की फिटनेस पर चिंता जताते हुए कहा कि हम श्रीजेश को बड़े और अहम मुकाबलों में खेलते देखना चाहते हैं। आज हमें ऐसे गोलकीपर की आवश्यकता है। भविष्य के लिए हमें और भी ऐसे गोलकीपर तैयार करने होंगे।
वहीं, भारतीय हॉकी में हाल में आ रहे बदलाव के लिए उन्होनें ओडिशा सरकार को धन्यवाद दिया और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सराहना की। दिलीप टिर्की ने कहा कि ओडिशा सरकार ने भारतीय हॉकी को पूरी तरह से बदल दिया है। आज हॉकी के लिए सुविधाओं पर गौर किया जा रहा है, साथ ही अधिक मैच कराए जा रहे हैं, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ रहा है। खासतौर पर ओडिशा में लोगों में हॉकी को लेकर खूब जोश आ गया है। आज जिस तरीके से लोग ओडिशा में मैच देखने मैदानों में आते है वैसा जोश दुनिया के किसी कोने में नहीं है। आज हमें भी गर्व होता है कि हम हॉकी खिलाड़ी हैं। भुवनेश्वर और कलिंगा के मैदान पर आज पूरे विश्व के खिलाड़ी मैच खेलना चाहते हैं। वहीं, ओडिशा में दुनिया का सबसे अच्छा स्टेडियम बनने जा रहा है, जिससे ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व की ह़ॉकी में बदलाव आया है। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved