नई दिल्ली: यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों ने दो महीने पहले ही युद्धग्रस्त मुल्क में वापस लौटना शुरू किया. उन्हें उम्मीद थी कि वे एक बार फिर से अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएंगे. हालांकि, जल्द ही भारतीय स्टूडेंट्स की उम्मीदों पर पानी फिर गया, क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच फिर से तनाव बढ़ गया है. यही वजह है कि अब भारत की तरफ से दो एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें Ukraine में मौजूद भारतीयों को तुरंत देश छोड़ने को कहा गया है. इस तरह एक बार फिर भारतीय स्टूडेंट्स के बीच अनिश्चतिता का माहौल है.
हालांकि, तनाव के हालात के बाद भी मेडिसिन की पढ़ाई करने पहुंचे भारतीय स्टूडेंट्स ने फैसला किया है कि वे यूक्रेन में ही रहने वाले हैं. दरअसल, इनमें से कइयों का कहना है कि उनके पास ऐसा करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. अन्य स्टूडेंट्स ने कहा है कि वे इंतजार कर रहे हैं कि अब आगे क्या करना है. ये स्टूडेंट्स बम-गोलों और मिसाइलों के बीच यूक्रेन में फंसे हुए हैं.
वहीं, ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं, जो हंगरी और स्लोवाकिया जैसे पड़ोसी देशों में अस्थायी तौर पर रिलोकेट हो रहे हैं. ये देश 30 दिनों का परमिट दे रहे हैं. इसके अलावा, साइरन और अंडरग्राउंड बंकर को जिंदगी का हिस्सा बनाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स भी यूक्रेन में रह रहे हैं.
‘हम वापस नहीं लौट सकते हैं’
ल्वीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के पांचवें वर्ष के एक स्टूडेंट ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ अस्थायी रूप से हंगरी में रहने चला गया है. यहां से वह ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहा है. स्टूडेंट ने बताया, ‘बहुत ही कम स्टूडेंट हैं, जो अब भारत लौटना चाहते हैं. हम पिछले सात महीनों में जिन चीजों से गुजरे हैं. उसके बाद हम सिर्फ यूक्रेन में अपनी डिग्री पूरी करना चाहते हैं.’
उसने बताया, ‘हम लोग अपने माता-पिता को मनाने के बाद एक महीने पहले ही फिर से यूक्रेन लौटे हैं. हमने यहां आने के लिए कम से कम एक लाख रुपये खर्च किए हैं. अब हम वापस नहीं लौट सकते हैं.’
20000 स्टूडेंट्स की हुई थी वतन वापसी
भारत ने मंगलवार को एक हफ्ते के दौरान ही दूसरी एडवाइजरी जारी की. इसमें किसी भी तरीके से भारतीयों को यूक्रेन छोड़ने को कहा गया है. इससे पहले वाली एडवाइजरी को 19 अक्टूबर में जारी किया गया था. इस एडवाइजरी में भारतीयों को यूक्रेन की यात्रा करने को लेकर चेतावनी दी गई थी. खराब होते सुरक्षा हालातों के मद्देनजर यूक्रेन लौटने वाले भारतीयों को तुरंत देश छोड़ने को कहा गया था.
करीब सात महीने पहले मार्च में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से 20000 भारतीय स्टूडेंट्स को वापस देश लौटना पड़ा. ये सभी स्टूडेंट्स मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे थे. सितंबर के बाद से 1000 के करीब स्टूडेंट्स फिर से यूक्रेन लौटे, ताकि अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.
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