भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि भारतीय लड़कियां किसी लड़के के साथ तब तक शारीरिक संबंध नहीं बनातीं, जबतक उनसे शादी का वादा नहीं किया जाता। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायामूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि लड़कों को यह समझना चाहिए कि अगर वे किसी लड़की के साथ शारीरिक संबंध बना रहे हैं तो आगे क्या होगा और उन्हें उसे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। पीठ ने कहा कि भारत एक रुढिवादी समाज है। यहां के लोग अभी इतना आधुनिक नहीं हुए हैं, जहां एक अविवाहित युवती बिना किसी शादी के वादे के किसी लड़के के साथ शारीरिक संबंध बना सके।
रेप के मामले में चल रही थी सुनवाई
कोर्ट ने यह बातें एक ऐसे मामले की सुनवाई करते हुए कहीं, जिसमें एक महिला द्वारा एक लड़के पर रेप का आरोप लगाया गया था। लड़के का कहना था जब शारीरिक संबंध बनाए गए तब महिला बालिग थी और दोनों की सहमति भी थी। लड़के की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि लड़की के परिवार वाले उनकी शादी का विरोध कर रहे थे। क्योंकि, वह एक मुस्लिम है और लड़की हिंदू है। हालांकि, लड़की के वकील ने कहा कि शादी का वादा देकर महिला का रेप अक्टूबर 2018 से किया जा रहा था। जबकि, वह पहले से ही शादीशुदा था।
कोर्ट ने खारिज की याचिका
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लड़के की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि लड़की, रिलेशनशिप में ईमानदार थी। लेकिन, रिपेलशनशिप टूटने के बाद उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया।
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