नई दिल्ली । कोविड लॉकडाउन (Covid Lockdown) के दौरान धरती के तापमान और प्रदूषण (Temperature and pollution) में कमी दर्ज की गई थी। अब वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इसका असर चांद (Moon) तक देखा गया। भारतीय शोधकर्ताओं (Indian Researchers) ने एक अध्ययन में दावा किया है कि अप्रैल और मई के दौरान जब कड़ा लॉकडाउ लगाया गया था, उस दौरान चांद का तापमान भी सामान्य से कम हो गया था। यह दावा रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की स्टडी में किया गया है।
फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के के दुर्गा प्रसाद और जी आंबिली 2017 से 2023 के दौरान चंद्रमा पर अलग-अलग लोकेशन के तापमान का ब्यौरा इकट्ठा किया। पीआरएल के डायरेक्टर अनिल भारद्वाज का कहना है कि उनके ग्रुप ने एक बेहद अहम काम किया है और यह अपनी तरह का अलग शोध है। शोध में पाया गया कि अन्य वर्षों के मुकाबले लॉकडाउन वाले साल में सामान्य से 8 से 10 केल्विन तापमान कम पाया गया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पर इंसानी गतिविधियां रुकने की वजह से रेडिएशन कम हो गया और इसका असर चांद पर भी देखा गया। 2020 में चांद पर तापमान कम हो गया था। वही आगे के दो सालों में फिर से तापमान बढ़ गया क्योंकि धरती पर फिर से सारी गतिविधियां शुरू हो गई थीं।
नासा के लूनर ऑर्बिटर से डेटा लेने के बाद यह अध्ययन किया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्रसाद ने बताया कि इस अध्ययन के लिए सात साल के डेटा लिया गया। इसमें से तीन साल 2020 के पहले के और तीन साल बाद के हैं। उन्होंने कहा कि धरती पर मानव गतिविधियों से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ जाता है। इसके बाद धरती के वातावरण से होने वाले रेडिएशन की वजह से चांद के तापमान पर भी असर पड़ता है।
प्रसाद ने कहा, चांद धरती के रेडिएशन के ऐंप्लिफायर के तौर पर काम करता है। इस शोध से हम देख सकते हैं कि इंसान किस तरह से चांद के तापमान को भी प्रभावित सकता है। उन्होने कहा कि सोलर ऐक्टिविटी और सीजनल फ्लक्स वेरिएशन की वजह से भी चांद का तापमान प्रभावित होता है। हालांकि अध्ययन में पता चलता है कि लॉकडाउन के दौरान चांद पर पड़ा यह असर धरती पर शांति का ही परिणाम है। इस शोध में कहा गया है कि धरती के रिडिएशन में बदलाव और चांद की सतह पर होने वाले बदलाव के बीच संबंध का अध्ययन करने के लिए और ज्यादा आंकड़ों की जरूरत होगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved