लंदन। भारतीय मूल (Indian values) की प्रोफेसर डॉ. जॉयीता गुप्ता (Dr. Joyita Gupta) को जलवायु परिवर्तन रोकथाम के क्षेत्र में उनके काम के लिए नीदरलैंड (Netherlands) में विज्ञान के सर्वोच्च पुरस्कार स्पिनोजा (Spinoza highest award of science) से सम्मानित किया गया। जॉयीता एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में पर्यावरण और विकास की प्रोफेसर हैं। उन्हें हेग में आयोजित सम्मान समारोह में नीदरलैंड के शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति मंत्री रॉबर्ट डिकग्राफ ने 13 करोड़ रुपये की प्राइज मनी वाला पुरस्कार सौंपा।
इस पुरस्कार को डच नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। यह पुरस्कार डच अकादमिक क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार है। यह हर साल नीदरलैंड में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार कार्य करने वाले दुनिया के सबसे अच्छे शोधकर्ताओं को दिया जाता है। इस दौरान डॉ. जॉयीता ने प्राइज मनी को वैज्ञानिक अनुसंधान और ज्ञान के इस्तेमाल से संबंधित गतिविधियों पर खर्च करने का इरादा व्यक्त किया।
Congratulations to Dr Joyeeta Gupta for receiving the prestigious Spinoza Prize by Dutch Research Council (NWO), the highest distinction in Dutch science for her outstanding & pioneering work on a just & sustainable world @IndiaDST @DiasporaDiv_MEA @moefcc @PMOIndia @RHDijkgraaf pic.twitter.com/Zy8nDRJXQr
— IndiainNetherlands (@IndinNederlands) October 4, 2023
वहीं, पुरस्कार जीतने पर नीदरलैंड में भारतीय दूतावास ने डॉ. जॉयीता गुप्ता को बधाई दी। भारतीय दूतावास ने एक्स पर पुस्कार समारोह की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, डॉ. जॉयीता गुप्ता को डच रिसर्च काउंसिल के प्रतिष्ठित स्पिनोजा पुरस्कार से सम्मानित होने पर बधाई। न्यायपूर्ण और टिकाऊ दुनिया के लिए उनके उत्कृष्ट और अग्रणी कार्य के लिए डच विज्ञान क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार मिला।
एनडब्ल्यूओ के अनुसार, जॉयीता इस दिशा में कार्य कर रही हैं कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाले वितरण संबंधी मुद्दों को सुशासन के माध्यम से कैसे हल किया जा सकता है। उनका तर्क है कि जलवायु परिवर्तन के परिणामों का अमीर और गरीब के बीच संबंधों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वह कहती हैं कि उनका प्रयास जलवायु परिवर्तन रोकथाम के लिए एक वैश्विक व्यवस्था बनाने की दिशा में काम करना है। उनके शोध का केंद्र जलवायु संकट, संभावित समाधान और न्याय के बीच संबंध को समझना है। इसके लिए, वह अंतरराष्ट्रीय कानून और अर्थशास्त्र से लेकर राजनीति विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन तक विभिन्न वैज्ञानिक विषयों को एक साथ लाती है।
जॉयीता गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय, गुजरात विश्वविद्यालय और हार्वर्ड लॉ स्कूल से पढ़ाई करने के बाद व्रीजे यूनिवर्सिटिट एम्स्टर्डम से पीएचडी की उपाधि हासिल की। वह 2013 से व्रीजे यूनिवर्सिटिट एम्स्टर्डम में ग्लोबल साउथ में पर्यावरण और विकास की प्रोफेसर हैं।
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