वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (US) में एक प्रभावशाली यहूदी समूह (jewish group) ने भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक डॉ. भरत बरई को भारत, अमेरिका और इजराइल (America and Israel) के बीच संबंधों को मजबूत करने के उनके अथक प्रयासों और यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ खड़े होने के लिए सम्मानित किया। डॉ. बरई भारत-इजराइल संबंध के बड़े समर्थक रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम आपके, अपने यहूदी भाइयों और बहनों के साथ हैं।’’ डॉ. बरई ने कहा कि हिंदू और यहूदी समुदाय के बीच सहयोगात्मक संबंधों से दोनों को लाभ हुआ है। ‘‘यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ खड़े होने के लिए’’ डॉ. बरई को रविवार को ‘‘कैम्पस चैंपियनशिप गाला’’ में यह पुरस्कार दिया गया। उपनगर शिकागो में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद यहूदी समुदाय के लोगों ने बरई का खड़े होकर अभिवादन किया।
‘अब्राहम समझौता’ अमेरिका की मध्यस्थता में 2020 में इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुआ समझौता है। इसमें इजराइल, बहरीन और यूएई के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए हुए समझौते का भी जिक्र है। अब्राहम समझौते ने निर्धारित किया कि यूएई और बहरीन इजराइल में अपने-अपने दूतावास स्थापित करेंगे और पर्यटन, व्यापार और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में इजराइल के साथ मिलकर काम करेंगे। इसका धार्मिक महत्व यह है कि यह मुसलमानों को इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में से एक यरूशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में जाने की अनुमति देगा।
बरई ने कुछ समाचार रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इनके पीछे उन लोगों का हाथ है, जो गलत सूचना या अज्ञानता अथवा कट्टर धार्मिक भावना से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि ये मनगढ़ंत कहानियां हैं और बर्बर अत्याचार के बाद वे पीड़ित होने का कार्ड खेल रहे हैं। विशेष परियोजनाओं ‘‘स्टैंड विद यूएस’’ की निदेशक पैगी शापिरो ने यहूदी समुदायों और भारत, अमेरिका और इजराइल के बीच संबंधों के निरंतर समर्थन के लिए डॉ. बरई की प्रशंसा की। उन्होंने इस महीने हमास द्वारा यहूदियों पर जारी अत्याचारों का जिक्र किया। मुंबई में जन्मे डॉ. बरई एक प्रतिष्ठित चिकित्सक, हिंदू अमेरिकी समुदाय के एक सम्मानित नेता और एक मुखर यहूदी समर्थक हैं। उन्होंने इजराइल और भारत के साथ-साथ हिंदू और यहूदी अमेरिकी समुदायों के बीच घनिष्ठ संबंधों का मार्ग प्रशस्त करने में मदद की।
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