वाशिंगटन (Washington)। भारतीय मूल के अमेरिकी अधिवक्ता (Indian-American lawyer) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक ऐतिहासिक मुकदमा जीत (historic lawsuit win) कर इतिहास रच दिया है, जिसके बाद से उन्हें सच्चे देशभक्त (True patriot) और नेशनल हीरो (national hero) के नाम से सम्मानित किया जा रहा है। कानूनी सलाहकारों का कहना है कि शायद अमेरिकी इतिहास का यह सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक मामला था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Former President Barack Obama) ने भी उनकी तारीफ की है।
यह है पूरा मामला
अमेरिका की सर्वोच्च अदालत में सोमवार को अधिवक्ता नील कात्याल ने वॉचडॉग ग्रुप कॉमन कॉज का प्रतिनिधित्व किया और 6-3 से जीत हासिल की। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव के नियमों को निर्धारित करने के लिए अदालतों पर राज्य विधानसभाओं की प्रधानता को खारिज कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक पुराने कानून का समर्थन कर रहे थे। मूर बनाम हार्पर मामले में सर्वोच्च अदालत के फैसले ने अमेरिकी चुनाव कानूनों में पूर्ण परिवर्तन को बंद कर दिया। इससे पहले राज्य विधान मंडलों को हल्की निगरानी के साथ-साथ संघीय चुनावों के नियम निर्धारित करने का अधिकार दिया गया था। छह न्यायाधीशों ने फैसले को खारिज किया। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अमेरिकी संविधान, राज्य के विधायी कार्यों को राज्य के अदालतों की समीक्षा से अलग नहीं करता है।
पूर्व राष्ट्रपति ने भी जाहिर की खुशी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अमेरिका के कानून विशेषज्ञों ने एतिहासिक फैसले पर खुशी जाहिर की। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्वीट कर नील को बधाई देते हुए अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने आज स्वतंत्र राज्य विधायिका सिद्धांत को खारिज कर दिया, जिसने हमारे लोकतंत्र को खत्म करने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि फैसला यह स्पष्ट करता है कि उत्तरी कैरोलिना सहित हर राज्य में अदालतें, मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करना जारी रख सकती हैं। इसके साथ ही एक्टिविस्ट और अभिनेत्री मिया फैरो ने भी फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि दो महान अमेरिकियों और दो महान कानूनी दिमागों को धन्यवाद।
अब जानिए कौन हैं, नील कात्याल
अमेरिका में जन्मे नील कात्याल (53) की मां एक डॉक्टर हैं। उनके पिता इंजीनियर हैं। कात्याल ने डार्टमाउथ कॉलेज से वकालत की डिग्री हासिल की। यहां उन्होंने भारतीय-अमेरिकी विशेषज्ञ अखिल अमर के अधीन अध्ययन किया। नील फिलहाल लॉ फर्म होगन लोवेल्स के साथ जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही वे जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के शिक्षक भी हैं। नील नेटफ्लिक्स के हाउस ऑफ कार्ड्स और शोटाइम के बिलियन्स में कैमियो भी कर चुके हैं।
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