एक 15 साल की लड़की ने कोरोना महामारी के दौरान अपने खाली समय का सदुपयोग कर युवा बच्चों के लिए मिसाल कायम की है। अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की लड़की नेहा शुक्ला ने ‘Girls With Impact’ कार्यक्रम के माध्यम से एक सोशल डिस्टेंसिंग डिवाइस बनाया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव और किसी की लापरवाही के कारण किसी जान चले जाने के ख्याल ने नेहा को ये सीखने के लिए प्रेरित किया।
नेहा शुक्ला ने बताया, “मैं इसके बारे में कुछ करना चाहती थी और मैंने एक सोशल डिस्टेंसिंग डिवाइस बनाया, जो अल्ट्रासोनिक सेंसर और माइक्रोप्रोसेसरों का उपयोग करता है ताकि पता लगाया जा सके कि कोई व्यक्ति छह-फुट की सीमा पार तो नहीं कर रहा है।
अगर कोई ऐसा करता है तो डिवाइस कंपन और बीपिंग के माध्यम से यूजर को सचेत करता है।” इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अपनी रुचि के साथ नेहा ने उस डिवाइस पर काम करना शुरू किया जो लोगों को छह फुट अलग रखेगा। इस डिवाइस को बनाने के लिए नेहा ने टोपी का चुनाव किया, नेहा ने टोपी के रूप में अपना ये सोशल डिस्टेंसिंग डिवाइस बनाया है।
जब भी कोई व्यक्ति टोपी के छह फुट से ज्यादा करीब आता है तो टोपी वाइब्रेट करने लगती है और बीपिंग की आवाज निकालती है। नेहा ने डिवाइस के बारे में समझाते हुए बताया “यह एक माइक्रोप्रोसेसर आधारित उपकरण है जो एक टोपी में एम्बेडेड है। जब भी कोई उस छह फुट की सीमा को पार करता है तो प्रोग्राम और माइक्रोप्रोसेसर अलर्ट हो जाते हैं।”
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