नई दिल्ली । अपने युद्धपोतों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना ने 38 विस्तारित रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव पेश किया है, जो लगभग 450 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होंगी। मिसाइलों को भारतीय नौसेना के निर्माणाधीन विशाखापट्टनम श्रेणी के युद्धपोतों पर फिट किया जाना है, जो निकट भविष्य में सक्रिय सेवा में शामिल होने जा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि 38 विस्तारित रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल हासिल करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव नौसेना ने रक्षा मंत्रालय को भेजा है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। ब्रह्मोस मिसाइल समुद्री बल के कई युद्धपोतों पर पहले से ही स्थापित है और अब यह मिसाइल युद्धपोतों का मुख्य स्ट्राइक हथियार होगा। पहले 300 किमी. तक मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल में डीआरडीओ ने पीजे-10 परियोजना के तहत स्वदेशी बूस्टर लगाकर इसकी मारक क्षमता 400 किमी. तक बढ़ा दी है। 400 किमी. से अधिक दूरी तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का 30 सितम्बर को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
नौसेना ने 01 दिसम्बर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी शिप वर्जन का परीक्षण किया था। 300 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एंटी शिप वर्जन को भारतीय नौसेना के आईएनएस रणविजय से लॉन्च किया गया। ब्रह्मोस ने बंगाल की खाड़ी में निकोबार द्वीप समूह के पास अपने लक्ष्य जहाज को सफलतापूर्वक मार दिया। भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण फायरिंग भी किया था, जो उच्च समुद्र में 400 किमी. से अधिक दूरी पर लक्ष्य पर प्रहार करने की अपनी क्षमता दिखाने के लिए थी। भारत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए निर्यात बाजार खोजने पर भी काम कर रहा है।
800 किमी. रेंज की ब्रह्मोस का परीक्षण 2021 के मध्य में
भारत और रूस ने मिलकर सुपरसोनिक क्रूज मीडियम रेंज मिसाइल ब्रह्मोस को विकसित किया है। 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक ब्रह्मोस मैक 3.5 यानी 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है। अग्नि के सिद्धांत पर काम करने वाली इस मिसाइल में 200 किलो तक के पारंपरिक वारहेड ले जाने की क्षमता है। यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइ के विस्तारित रेंज संस्करण का दूसरा परीक्षण था। इसके अलावा एक और वर्जन टेस्ट हो रहा है, जो 800 किलोमीटर की रेंज में टारगेट को हिट कर सकता है। 800 किमी. रेंज की ब्रह्मोस का परीक्षण 2021 के मध्य में किया जाएगा।
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