नई दिल्ली: भारतीय नौसेना (Indian Navy) के अपने युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से (INS Chennai) से शुक्रवार को समुद्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का परीक्षण किया है. ब्रह्मोस मिसाइल और आईएनएस चेन्नई दोनों स्वदेशी रूप से निर्मित हैं और भारतीय मिसाइल और जहाज निर्माण कौशल की अत्याधुनिकता को उजागर करते हैं.
वे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया प्रयासों में भारतीय नौसेना के योगदान को सुदृढ़ करते हैं. यह उपलब्धि भारतीय नौसेना की क्षमता को और भी गहरा हमला करने और जब और जहां आवश्यक हो वहां भूमि संचालन को प्रभावित करने की क्षमता को स्थापित करती है.इसकी खासियत ये है कि ये समुद्र से दूर जमीन पर भी हमला कर सकता है.
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, जिसका दिसंबर 2020 में परीक्षण भी किया गया था, संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस के तहत रूस के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और NPOM द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है. आधुनिक युद्ध के मैदान में मिसाइल पहले से ही एक प्रमुख रक्षक रही है. यह एक बहु-भूमिका और बहु-मंच वाली हथियार प्रणाली है और पहले से ही विभिन्न लक्ष्यों के खिलाफ अपनी क्षमता साबित कर चुकी है. इसे भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों में तैनात किया गया है.
#WATCH | Long-range precision strike capability of Advanced version of BrahMos missile successfully validated. Pinpoint destruction of target demonstrated combat & mission readiness of frontline platforms: Indian Navy
(Source: Indian Navy) pic.twitter.com/xhIJQtQ2f0
— ANI (@ANI) March 5, 2022
इससे पहले विशाखापत्तनम से किया था परीक्षण
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 290 किमी की दूरी तय कर सकती है और 2.8 से 3 मच की गति तक पहुंच सकती है. इस बीच, ब्रह्मोस – II हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को मैक 7 वेग में 450 – 600 किमी की सीमा के भीतर लक्ष्य को हिट करने के लिए तैनात किया जा सकता है.इससे पहले डीआरडीओ के मुताबिक, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत समुद्र से समुद्री संस्करण का आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया. मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य जहाज पर सटीक निशाना लगाया.’
आपको बता दें कि यह मिसाइल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है जहां रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है. मिसाइल का परीक्षण आईएनएस विशाखापत्तनम से किया गया था जो हाल ही में शामिल भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है. ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सतह प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है.ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय वायुसेना को दिन या रात और सभी मौसम की स्थिति में समुद्र या सतह पर किसी भी लक्ष्य पर पिनपॉइंट सटीकता के साथ लंबी दूरी से हमला करने की क्षमता प्रदान करती है.
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