नई दिल्ली: भारतीय नौसेना (Indian Navy) के अपने युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम (INS Visakhapatnam) से शुक्रवार को समुद्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का परीक्षण किया है. रक्षा सूत्रों ने बताया कि युद्धपोत 21 फरवरी को राष्ट्रपति की फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेने के लिए विशाखापत्तनम पहुंच गया है. आईएनएस विशाखापत्तनम हाल ही में शामिल हुआ भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है. वहीं ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों का मुख्य हथियार सिस्टम है और इसे इसके लगभग सभी सतही प्लेटफार्म पर तैनात किया गया है.
इसका एक अंडरवाटर वेरिएंट भी विकसित किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल ना केवल भारत की पनडुब्बी कर सकेंगी, बल्कि मित्र देशों को भी निर्यात किया जाएगा. समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने ट्वीट में इसका एक वीडियो भी शेयर किया है. जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह समुद्र में युद्धपोत से मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा है. वीडियो के साथ बताया गया है, ‘भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS विशाखापत्तनम ने पश्चिमी समुद्र तट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया. 21 फरवरी को राष्ट्रपति की फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेने के लिए युद्धपोत को विशाखापत्तनम लाया गया है.’
#WATCH | Indian Navy’s warship INS Visakhapatnam carried out a test firing of BrahMos supersonic cruise missile off the western seaboard. The warship has now reached Visakhapatnam to take part in President’s Fleet Review on February 21 pic.twitter.com/qsYUi1QHgf
— ANI (@ANI) February 18, 2022
21 फरवरी को आयोजित होगा कार्यक्रम
विशाखापत्तनम में नौसेना 21 फरवरी को राष्ट्रपति की फ्लीट रिव्यू का आयोजन करेगी. जिसमें भारत को स्वतंत्र होने के 75 साल के पूरे होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित होगा. इसके बाद द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘मिलन’ होगा. भारत ने मिलन कार्यक्रम को आयोजित करने की शुरुआत साल 1995 में की थी. अब मिलन 2022 इसका 11वां संस्करण बताया जा रहा है. इसमें हिस्सा लेने के लिए 45 से अधिक देशों को आमंत्रित किया गया है. ऐसी उम्मीद है कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मित्र देशों के प्रतिनिधिमंडल और युद्धपोत शिरकत करेंगे.
कई खूबियों से लैस है ब्रह्मोस मिसाइल
वहीं ब्रह्मोस मिसाइल की बात करें, तो यह कई खूबियों से लैस है. मिसाइल 400 किलोमीटर तक का लक्ष्य भेदने में सक्षम है. इसे भारत और रूस के संयक्त प्रयास से विकसित किया गया है. मिसाइल की लंबाई 8.4 मीटर है. जबकि मोटाई 0.6 मीटर है. फिलीपींस भारत से यह मिसाइल खरीज रहा है. इसके लिए उसने करीब 37.49 करोड़ डॉलर (27.89 अरब रुपये) की डील को मंजूरी दी है.
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