नई दिल्ली। भारत और श्रीलंका की नौसेनाएं आज से 21 अक्टूबर तक स्लिनेक्स-20 श्रीलंका के त्रिंकोमाली में द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास करेंगी। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी समझ में सुधार करना और बहुआयामी समुद्री संचालन के लिए सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है। इसके अलावा इस दौरान भारत अपने स्वदेशी नौसैनिक जहाजों और विमानों की क्षमताओं के साथ अपनी समुद्री ताकत का प्रदर्शन करेगा।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस अभ्यास में एसएलएन शिप्स शौर्य (ऑफशोर पेट्रोल वेसल) और गजबाहु (प्रशिक्षण जहाज) के साथ श्रीलंका की नौसेना का प्रतिनिधित्व श्रीलंका नेवी के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग नेवल फ्लीट रियर एडमिरल बंदरारा जयतिलाका करेंगे। स्वदेशी रूप से निर्मित पनडुब्बी रोधी युद्ध कामोर्टा और किल्टन के साथ रियर फ्लीट कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफिसर, रियर एडमिरल संजय वत्सयन भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके अलावा भारतीय नौसेना के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) और चेतक हेलीकॉप्टर जहाजों में सवार होकर और डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट भी भाग लेंगे।
दोनों देशों की नौसेनाओं के साथ स्लिनेक्स का पिछला संस्करण सितम्बर, 2019 में विशाखापत्तनम से संचालित किया गया था। इस अभ्यास का उद्देश्य अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ में सुधार करना और दोनों नौसेनाओं के बीच बहुआयामी समुद्री संचालन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है। इसके अलावा यह अभ्यास भारत के स्वदेशी नौसैनिक जहाजों और विमानों की क्षमताओं को भी प्रदर्शित करेगा। अभ्यास के दौरान हथियार फायरिंग, सीमन्सशिप इवोल्यूशन, युद्धाभ्यास और क्रॉस डेक फ्लाइंग ऑपरेशंस सहित सर्फेस और एंटी-एयर एक्सरसाइज की योजना बनाई जाएगी जो दोनों मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के बीच पहले से स्थापित अंतर-संचालन की समझ को और बढ़ाएंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि स्लिनेक्स की यह श्रृंखला भारत और श्रीलंका के बीच गहरे जुड़ाव की मिसाल पेश करती है, जिसने समुद्री क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत किया है। भारत की ’नेबरहुड फर्स्ट’ की नीति के चलते भारत और श्रीलंकाई नौसेना के बीच बातचीत भी हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है। दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच बेहतर समन्वय का ही नतीजा था कि सितम्बर, 2020 में पनामा देश के बहुत बड़े क्रूड कैरियर न्यू डायमंड में श्रीलंका के पूर्वी तट पर आग लगने पर आपसी सहयोग से काबू पाया जा सका था।
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