नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने दो दिनों तक बंगाल की खाड़ी में रॉयल नेवी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी)-21 (Royal Navy Carrier Strike Group (CSG)-21) के साथ द्विपक्षीय पैसेज युद्धाभ्यास (पासेक्स) (Bilateral Passage Maneuver (PASEX)) में भाग लिया। यह द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास दोनों नौसेनाओं की समुद्री क्षेत्र में एक साथ काम करने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए आयोजित किया गया था। अभ्यास का नेतृत्व अमेरिकी नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ ने किया।
भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के नवीनतम एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के बीच पहले अभ्यास में सीएसजी-21 की भागीदारी शामिल थी जिसमें टाइप 23 फ्रिगेट और अन्य सतह पर कारगर लड़ाकों के अलावा एक एस्ट्यूट क्लास पनडुब्बी शामिल थी। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएन शिप सतपुड़ा, रणवीर, ज्योति, कवरत्ती, कुलिश और एक पनडुब्बी द्वारा किया गया था। पनडुब्बी रोधी युद्ध में सक्षम लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी-8आई ने भी अभ्यास में भाग लिया।
हिन्द महासागर में इस अभ्यास ने दोनों देशों की नौसेनाओं को एएसडब्ल्यू, एंटी-एयर एवं एंटी-सरफेस वारफेयर सहित समुद्री सैन्य अभियानों के समूचे आयाम शामिल करने का मौका दिया। इस अभ्यास में एफ 35 बी लाइटनिंग की पहली भागीदारी भी देखी गई जो एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ के डेक से संचालित होता है।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार वर्षों से भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के बीच दोस्ती ने लगातार बदलते सुरक्षा परिदृश्यों में उनकी पेशेवर क्षमता, अंतःक्रियाशीलता और अनुकूलन क्षमता को बढ़ाया है। पिछले वर्षों में हासिल की गई अंतर-संचालनीयता ने पेशेवर आदान-प्रदान की जटिलता और उसके परिमाण में एक बड़ा उछाल सुनिश्चित किया है जिसे हिन्द महासागर में रॉयल नेवी के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की उपस्थिति से और अधिक बढ़ाया जा रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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