नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच नौ दिनों से भीषण युद्ध जारी है। रूस की ओर से हमले तेज कर दिए गए हैं और फिलहाल की बात करें तो खेरसन शहर और न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा हो चुका। इसके साथ ही बड़ी संख्या में जनहानि भी हुई है। इस संघर्ष का बड़ा असर भारतीय निवेशकों पर भी पड़ा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले के एलान के बाद से अब तक निवेशकों को जो नुकसान हुआ है, वो यूक्रेन की पूरी जीडीपी से भी ज्यादा है।
शुक्रवार को गंवाए 5 लाख करोड़ रुपये
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के नौंवे दिन यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर रूसी सेना के कब्जे के बाद शुक्रवार को भी भारतीय शेयर बाजार में भी उथल-पुथल मच गई और अंत में यह गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई का सेंसेक्स 768 अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी सूचकांक भी 255 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। सिर्फ शुक्रवार को आई गिरावट के चलते ही निवेशकों को 66 अरब डॉलर (करीब पांच लाख करोड़ रुपये) का नुकसान उठाना पड़ा है। आंकडों को देखें तो बीएसई का बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र में यानी गुरुवार को 251 लाख करोड़ रुपये था, इसकी तुलना में शुक्रवार को यह कम होकर लगभग 246 लाख करोड़ रुपये रह गया।
नौ दिनों में 4000 अंक टूटा सेंसेक्स
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीती 15 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर अपने कदम बढ़ाए, उसके बाद से उपजे भू-राजनीतिक तनाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में खासी उथल-पुथल मची और उस दिन से अब तक भारतीय निवेशकों ने लगभग 15 लाख करोड़ रुपये (197 अरब डॉलर) गंवा दिए है। इस अवधि में बीएसई का सेंसेक्स सूचकांक करीब 4000 अंक तक टूट चुका है। दलाल स्ट्रीट पर निवेशकों को हुआ ये भारी-भरकम नुकसान दरअसल, यूक्रेन के 2021 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से भी ज्यादा है। 2021 में यूक्रेन की जीडीपी आईएमएफ द्वारा अनुमानित 181.03 अरब डॉलर थी।
कच्चे तेल की कीमतों में लगी आग
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर सिर्फ शेयर बाजार पर ही नहीं, बल्कि यूरिया, खाने के तेल और गैस समेत अन्य दूसरे क्षेत्रों में भी पड़ रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में आग लगी हुई है और ये लंबी छलांग लगाते हुए 120 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई हैं। इस सबके चलते ही जापानी रिसर्च एजेंसी ने भी अपनी हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा है कि रूस-यूक्रेन की जंग में एशिया में सबसे ज्यादा नुकसान भारत का होने वाला है। एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में भी अनुमान लगाया गया है कि इस युद्ध की वजह से राजस्व की भारी हानि होगी और देश में महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाएगा।
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