किया अपने अब तक के सफर को साझा
इंदौर। हम बहुत खुशकिस्मत है कि यहां तक पहुंचे है। टॉप 15 के शानदार गृहप्रवेश के बाद अब हमें मौका मिला है कि हम महेश भट्ट और मिथुन चक्रवर्ती (Mahesh Bhatt and Mithun Chakraborty) के सामने गा पा रहे है। इस शनिवार और रविवार को प्रसारित होने वाले एपिसोड में दर्शकों को 90 के दशक के साथ आज के गीत सुनने को मिलेंगे।
इंदौर आए इंडियन आइडल सीजन 14 (indian idol season 14) के टॉप 15 में पहुंचे वैभव गुप्ता और मुस्कान श्रीवास्तव ने यह बात कही। दोनों ही सांध्य दैनिक अग्निबाण पहुंचे थे। उन्होंने अपने शुरुआती दिनों से लेकर अब तक के सफर को अग्निबाण के प्रबंध संपादक राजेश चेलावत (Rajesh Chelawat, Editor of Agniban) के साथ साझा किया। दोनों ही उत्तर प्रदेश से है और बचपन से ही संगीत का शौक रहा है।
पिता ने कहा अपने हुनर को आगे बढ़ाओ : वैभव
वैभव ने बताया कि उनका संगीत से कोई नाता नहीं है, लेकिन पिता का हमेशा से यही कहना रहा कि अपने अंदर छुपी प्रतिभा को सामने लाओ और कुछ अलग करो। मुझे बहुत अच्छा लगता है कि सभी जज और लोगों को मेरी आवाज पसंद आ रही है। वैभव का मानना है कि जब हम मंच पर होते हैं, तो आत्मविश्वास अपने आप आ जाता है और लगता है मां सरस्वती आशीर्वाद दे रही है। वे गायक सुखविंदर को अपना आइडल मानते हैं। कहते हैं कि जब आप किसी चीज को पाने की कोशिश कर रहे हो, तो बस खुद को देखकर मेहनत करते रहना चाहिए। वैभव उन 5000 लोगों में से टॉप 15 तक पहुंचे हैं, जो इंडियन आइडल 14 का सपना लिए ऑडिशन देने पहुंचे थे।
पापा को गाते देख सीख गई गाना : मुस्कान
मुस्कान श्रीवास्तव ने भी टॉप 15 में अपनी जगह बनाई है। वह मिर्जापुर से है, लेकिन फिलहाल गाजियाबाद में रह रही है और क्लासिकल संगीत में मास्टर कर रही है। 5 साल से संगीत के शो भी करती रही है और संगीत सीखाती भी रही हैं। मुस्कान कहती है कि उनका अब बचपन से सपना था कि कोई ऐसा बड़ा प्लेटफार्म मिले। कोई भी प्रोफेशनल शिक्षा तो बचपन से नहीं ली, लेकिन पिता गाते थे, तो उन्हीं को देखकर गाना सीखा और फिर 12वीं के बाद संगीत की शिक्षा ली। कहती है कि यहां तक पहुंच कर खुश हूं। लता जी को आदर्श मानती हूं। मंच पर पहुंच कर एक्साइटमेंट के साथ कई बार बहुत ज्यादा प्रेशर भी होता है। मैं कोशिश करती हूं कि हर जोनर के गाने गा सकूं।
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