स्टैवैगनर: भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रागननंदा (Rameshbabu Praggnanandhaa ) का शानदार प्रदर्शन जारी है. 16 वर्षीय इस भारतीय ग्रैंडमास्टर के लिए अभी तक यह साल शानदार रहा है. प्रागननंदा धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए नार्वे शतरंज ग्रुप ए ओपन शतरंज टूर्नामेंट ( Norway Chess Open Group A ) के नौ दौर के मुकाबले में 7.5 अंकों के साथ विजेता बनने में सफल रहे.
शीर्ष वरीयता प्राप्त 16 वर्षीय जीएम ने शानदार लय को जारी रखते हुए पूरे टूर्नामेंट के दौरान अजेय रहे. उन्होंने शुक्रवार की देर रात साथी भारतीय अंतरराष्ट्रीय मास्टर (आईएम) वी प्रणीत पर जीत के साथ टूर्नामेंट का समापन किया. प्रज्ञानानंद (ईएलओ 2642) दूसरे स्थान पर काबिज आईएम मार्सेल एफ्रोइम्स्की (इजराइल) और आईएम जंग मिन सेओ (स्वीडन) से एक अंक आगे रहे. प्रणीत छह अंकों के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर थे, लेकिन कम टाई-ब्रेक स्कोर के कारण आखिरी तालिका में छठे स्थान पर खिसक गए.
प्रणीत के अलावा प्रज्ञानानंद ने विक्टर मिखलेव्स्की (आठवां दौर), विटाली कुनिन (छठा दौर), मुखमदजोखिद सुयारोव (चौथा दौर), सेमेन मुतुसोव (दूसरा दौर) और माथियास उननेलैंड (पहला दौर) को शिकस्त दी. उन्होंने अपने अन्य तीन मुकाबले ड्रॉ खेले. दूसरी ओर, पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथ आनंद (Viswanathan Anand) ने नार्वे शतरंज टूर्नामेंट में अपने अभियान को नौवें एवं आखिरी दौर में आर्यन तारी पर जीत से तीसरे स्थान के साथ खत्म किया. विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैगनस कार्लसन इसके विजेता बने.
आनंद और तारी के बीच क्लासिकल मुकाबला 22 चाल के बाद बराबरी पर छूटा। 52 साल के भारतीय दिग्गज इसके बाद शनिवार सुबह को ‘आर्मगेडन (सडन डेथ टाईब्रेक)’ मुकाबले में 87 चाल में जीत दर्ज की. वह 14.5 अंकों के साथ कार्लसन (16.5 अंक) और अजरबैजान के शखरियार मामेदयारोव (15.5) के बाद तीसरे स्थान पर रहे. आनंद ने इस टूर्नामेंट में कार्लसन को हराकर पांचवें दौर के बाद बढ़त हासिल कर ली थी लेकिन आठवें दौर में मामेदयारोव से हार के कारण उनके अभियान को झटका लगा.
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