लंदन (London) । भारत (India) में चुनावों (elections) से पहले एक बार फिर किसानों का प्रदर्शन (farmers protest) देखा जा रहा है। केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी लोगों के बीच अभी कोई रास्तान नहीं निकल पाया है। इस बीच बुधवार को एक युवक की मौत ने पूरी स्थिति को जटिल बना दिया है। युवक की मौत गोली लगने से हुई है। किसान नेताओं का दावा है कि गोली सुरक्षा बलों की ओर से चलाई गई है। लेकिन पुलिस इसे नकार रही है। इस बीच अब यह मुद्दा यूके की संसद में भी उठा है। ब्रिटिश सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी (British Sikh MP Tanmanjit Singh Dhesi) ने किसानों के प्रदर्शन में युवक की मौत का मुद्दा उठाया।
तनमनजीत ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘सिख समुदाय और स्थानीय गुरुद्वारा कमेटियों ने मुझे गंभीर चिंता जताते हुए भारत में किसानों की सुरक्षा पर लिखा है। कल कथित तौर पर एक प्रदर्शनकारी की पुलिस गतिरोध में मौत हो गई। इसकी मौत का कारण गोली लगना है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी पुष्टि की है। ट्विटर ने माना है कि भारत में उसे कुछ खास पोस्ट और अकाउंट हटाने को कहे गए।’ उन्होंने आगे सरकार से पूछा कि क्या वह किसानों के मानवाधिकारों का प्रोटेक्शन चाहती है और इसके लिए क्या कार्रवाई हुई है?
Alarming news of man killed with bullet wound to head and several injured, as #FarmersProtest reported standoff with police.
Legitimate posts and accounts of activists also taken down by X in India.#FreedomOfExpression and #HumanRights of peaceful protestors must be protected. pic.twitter.com/oKic9FaHO9
— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) February 22, 2024
यूके की सरकार ने दिया ये जवाब
तनमनजीत सिंह के सवाल पर कंजर्वेटिव पार्टी की नेता पेनी मोर्डौंट ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘यह बेहद गंभीर मामला है। सरकार सुरक्षा के साथ प्रदर्शन करने के अधिकार का समर्थन करती है। विदेश कार्यालय ने उनके बयान को सुना है। मंत्री इनके ऑफिस को जल्द ही जवाब देंगे।’ बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दावा किया कि खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से किसान युवक की मौत हुई और 15 घायल हुए हैं।
क्या बोली पुलिस
हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसी भी किसान की मौत प्रदर्शन के दौरान नहीं हुई है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। पिछली बार जब किसानों ने प्रदर्शन किया तो महीनों तक वह दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहे। एक बार फिर अब किसान प्रदर्शन करना चाहते हैं। किसानों और सरकार के बीच बातचीत चल रही थी। लेकिन अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है।
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