नई दिल्ली। ऐसा कई बार देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने भाषणों में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) का जिक्र किया है और उसे मजबूत बनाने को लेकर कई बड़ी बातें कहीं। लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर गारंटी दी। वहीं एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था इस चुनौतीपूर्ण समय में आशा की किरण बनकर चमक रही है।
सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (Social networking platform ‘X’) पर एक पोर्टल (Portal) की पोस्ट को रीट्वीट (Retweet) करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि मजबूत वृद्धि और अनुकूल भावना के साथ भविष्य आशाजनक दिखता है। आइए, इस गति को बनाए रखें और 140 करोड़ भारतीयों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करें।
समाचार पोर्टल ने एक्स पर पोस्ट किया था कि देश की अर्थव्यवस्था न केवल चुनौतियों का सामना कर रही है, बल्कि आशावाद के लिए मंच तैयार कर रही है। पोर्टल ने एक अलग बयान में कहा कि इसका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक मंदी के समय देश की अद्वितीय क्षमता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देते हुए भारत के आर्थिक विकास के प्रमुख चालकों का विश्लेषण करना है।
यह देखते हुए कि देश आने वाले वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है, इसको लेकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न प्रतिकूलताओं ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को हिलाकर रख दिया है। हालाँकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था’ के रूप में अपना कद बरकरार रखते हुए मजबूती से खड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित भाषा अनुवाद मंच भाषिनी का निर्माण कर रहे हैं। यह भारत की सभी विविध भाषाओं में डिजिटल समावेशन का समर्थन करेगा। भाषिनी में लोगों को इंटरनेट व डिजिटल सेवाएं उनकी भाषा में आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। पीएम जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था पर मंत्रिस्तरीय बैठक को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे थे। पीएम ने कहा, हमारे ऑनलाइन सार्वजनिक खरीद मंच-गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ने प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी लाई है। डिजिटल कॉमर्स के लिए खुला नेटवर्क ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण कर रहा है।
मोदी ने कहा, पिछले नौ वर्षों में भारत का डिजिटल परिवर्तन अभूतपूर्व रहा है। पीएम ने बताया कि 85 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता सबसे सस्ते डाटा का लाभ उठा रहे। 10 अरब लेन-देन हर महीने यूपीआई पर होते हैं, वास्तविक समय में भुगतान का 45 फीसदी से अधिक भारत में होता है। सरकारी सहायता के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से कमियों को दूर किया जा रहा है और इसने 33 अरब डॉलर से अधिक की बचत की है।
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