नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत की तेजी से बढ़ सकती है। ये अनुमान रिसर्च फर्म आईसीआरए (ICRA) की ओर से निकाला गया है। अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को लेकर ये आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा है।
आईसीआरए की ओर से मंगलवार को कहा गया कि सामान्य बेस और अनियमित मानसून के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर बढ़ी थी।
आईसीआरए की हेड रिसर्च और आउटरीच और चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि अनियमित बारिश, साल भर पहले के मुकाबले कमोडिटी की कीमतों में कम अंतर, संसदीय चुनावों के करीब आने पर सरकारी पूंजीगत व्यय की गति में संभावित मंदी, कमजोर बाहरी मांग और सख्त मौद्रिक नीति के कारण वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ कम रह सकती है।
2023-24 के लिए विकास दर अनुमान
नायर की ओर से आगे कहा गया कि हम वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6 प्रतिशत रख रहे हैं। वहीं, आरबीआई पूरे वित्त वर्ष के लिए ये विकास दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत रखा है। बार्कलेज ने एक नोट में यह भी कहा कि दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी में साल-दर-साल 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, जो पिछली तिमाही की तुलना में धीमी है। ईएम एशिया के एमडी और प्रमुख राहुल बाजोरिया ने कहा कि घरेलू खपत, सरकार के पूंजीगत व्यय के उच्च स्तर और यूटिलिटी क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के आधार पर भारत में विकास के रुझान मजबूत दिख रहे हैं। बार्कलेज ने FY24 के लिए 6.3% की जीडीपी वृद्धि के अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखा है।
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